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Air India ने एआई से घटाई कॉल सेंटर की लागत

वर्तमान में चैट बॉट चार भाषाओं अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच और हिंदी में काम करता है। भविष्य में अन्य भारतीय भाषाओं में भी इसे शुरू किया जाएगा।

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जेडेन मैथ्यू पॉल   
Last Updated- June 19, 2024 | 11:17 PM IST

विमानन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एयर इंडिया (Air India) आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल से अपने कॉल सेंटर की लागत कम करने में कामयाब रही है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि विमानन कंपनी ने एआई के एकीकरण के साथ अपने कॉल सेंटर के वॉल्यूम पर खासा बड़ा असर देखा है।

कंपनी ने मई 2023 में अपना खुद का चैटबॉट एआई.जी पेश किया था, जिसे पहले महाराजा के नाम से जाना जाता था। एयर इंडिया (Air India) के मुख्य डिजिटल और प्रौद्योगिकी अधिकारी सत्य रामास्वामी ने कहा कि यह चैटबॉट अपनी शुरुआत के बाद से करीब 20 लाख सवालों का जवाब दे चुका है और ग्राहकों की 93 प्रतिशत पूछताछ को कॉल सेंटर एजेंटों के पास भेजे बिना ही संभाल लिया।

रामास्वामी मुंबई में सेल्सफोर्स कार्यक्रम ‘सेल्सफोर्स वर्ल्ड टूर एसेंशल्स इंडिया’ में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा ‘जाहिर है, यह काफी उथल-पुथल करने वाला है, लेकिन हमें नहीं लगता कि संपर्क केंद्र के एजेंट पूरी तरह गायब हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘ऐसे कई जटिल परिदृश्य हैं, जहां कम से कम इस समय तो संपर्क केंद्र के एजेंटों की जरूरत है।’

रामास्वामी ने कहा कि एयर इंडिया के एआई एकीकरण ने कॉल सेंटर के वॉल्यूम पर खासा बड़ा प्रभाव डाला है, जिससे लागत 100 गुना कम हो गई है, जो और ज्यादा एजेंटों को जोड़ने पर होने वाली लागत से कम है। वर्तमान में चैट बॉट चार भाषाओं अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच और हिंदी में काम करता है। भविष्य में अन्य भारतीय भाषाओं में भी इसे शुरू किया जाएगा।

रामास्वामी ने कहा ‘हमने आज लगभग 80 प्रतिशत की पहली कॉल समाधान दर हासिल कर ली है, जिसका काफी श्रेय एयर इंडिया की कई प्रणालियों को एकीकृत करने की सेल्सफोर्स की क्षमता को दिया जा सकता है।’

एयर इंडिया (Air India) को अपने संपर्क केंद्रों पर हर महीने 5,55,000 कॉल प्राप्त होती हैं। कंपनी सेल्सफोर्स की सॉफ्टवेयर तकनीक की मदद से संपर्क केंद्रों का प्रदर्शन बेहतर करने में सक्षम रही है।

First Published : June 19, 2024 | 10:31 PM IST