निजीकरण के बाद 1 वर्ष तक सुरक्षित होंगे एयर इंडिया कर्मी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:31 AM IST

चुने गए बोलीदाताओं के साथ साझा किए गए प्रस्ताव के लिए मसौदा अनुरोध में सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि एयर इंडिया के निजीकरण के एक वर्ष बाद तक उसके मौजूदा कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखना होगा। सरकार के इस निर्णय से बिक्री किए जाने वाले बैंकों सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए एक मिसाल स्थापित होगी।
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने अप्रैल में चुने गए बोलीदाताओं के साथ आरएफपी का मसौदा और शेयर खरीद समझौता (एसपीए) साझा किया और उनसे टिप्पणियां प्राप्त की है।
आरएफपी के मसौदे में कहा गया है कि मौजूदा कर्मचारियों को एक वर्ष तक अपने साथ जोड़ कर रखना होगा जबकि इससे पहले सरकार का रुख कर्मचारियों को कम से कम दो साल के लिए अपने साथ जोड़े रखने का था। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय निवेशकों के साथ परामर्श करने के बाद लिया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकार अब इस अवधि में और अधिक कमी नहीं करेगी।
दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘सरकार इस बात को लेकर स्पष्ट है कि कर्मचारियों को अपने साथ जोड़े रखने की न्यूनतम अवधि की शर्त में अब और अधिक छूट नहीं दी जाएगी या इसको लेकर आगे कोई चर्चा नहीं होगी।’
सरकार एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह कंपनी 2007 में घरेलू परिचालक इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही घाटे में चल रही है। विमानन कंपनी के अधिग्रहण के लिए शुरुआती बोली जमा कराने वाले विभिन्न बोलीदाताओं में टाटा संस भी शामिल है।
दूसरे अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया में कर्मचारियों को बाहर नहीं करने की एक निश्चित समयावधि को अब निजीकरण किए जाने वाले सभी पीएसयू के लिए लागू किया जा सकता है क्योंकि संभावित खरीदार कंपनी को चलाने में सहूलियत चाहता है और उच्च कर्मचारी लागत में कटौती करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि यह कदम बोलीदाताओं के साथ परामर्श के बाद उठाया गया है ताकि निजीकरण के प्रस्ताव को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाया जा सके।     
एयर इंडिया की ओर से जनवरी 2020 में साझा किए गए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) के मुताबिक कंपनी के पास 14,032 कर्मचारी थे जिनमें से 9,426 स्थायी कर्मचारी थे। स्थायी कर्मचारियों में से 1 नवंबर, 2019 तक 948 कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर अन्य कंपनियों में भेजा गया था।
राष्ट्रीय विमानन कंपनी के 36.05 फीसदी स्थायी कर्मचारी अगले पांच वर्ष में सेवा निवृत्त होंगे। कंपनी के करीब 4,201 कर्मचारी ठेका पर हैं और नया खरीदार ठेके के इन शर्तों की समीक्षा करेगा। 31 मार्च, 2019 के मुताबिक कर्मचारियों पर विमानन कंपनी का खर्च करीब 3,005 करोड़ रुपये था। लोक सभा में साझा की गई जानकारियों के मुताबिक अस्थायी आंकड़ों के हिसाब से वित्त वर्ष 2021 में एयर इंडिया को 9,779 करोड़़ रुपये का शुद्घ घाटा हुआ था और वित्त वर्ष 2020 में उसे 7,983 करोड़ रुपये का शुद्घ घाटा हुआ था।
सरकार का लक्ष्य दिसंबर तक एयर इंडिया की बिक्री को पूरा करना है। पहले यह काम सितंबर तक पूरा किया जाना था लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर ने विनिवेश समयसीमा को बाधित किया है। इस विमानन कंपनी की बिक्री निजीकरण अभियान के लिए भी महत्त्वपूर्ण है जिसके जरिये सरकार को चालू वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है।

First Published : June 18, 2021 | 11:35 PM IST