कंपनियां

बार-बार चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरी Air India, अहमदाबाद हादसे ने फिर से सुरक्षा में चूक पर उठाए सवाल

एयर इंडिया (Air India) को जनवरी 2022 में निजीकरण (privatisation) के बाद से लगातार नियामक निगरानी का सामना करना पड़ रहा है।

Published by
दीपक पटेल   
Last Updated- June 12, 2025 | 8:14 PM IST

एयर इंडिया (Air India) को जनवरी 2022 में निजीकरण (privatisation) के बाद से लगातार नियामक निगरानी का सामना करना पड़ रहा है। टाटा समूह (Tata Group) द्वारा एयरलाइन के अधिग्रहण को एक नए दौर की शुरुआत माना गया था, लेकिन इसके बावजूद एयर इंडिया को बार-बार सुरक्षा में चूक, परिचालन नियमों के उल्लंघन और कमजोर अनुपालन प्रक्रियाओं को लेकर एविएशन रेगुलेटर की कार्रवाई झेलनी पड़ी है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पिछले तीन वर्षों में एयर इंडिया पर कई बार जुर्माना लगाया और चेतावनी जारी की है। इन कार्रवाइयों में फ्लाइट ऑपरेशन, कॉकपिट अनुशासन और आंतरिक जवाबदेही को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं।

जनवरी 2025 में DGCA ने एयर इंडिया पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना एक ऐसे पायलट को फ्लाइट ऑपरेट करने की अनुमति देने पर लगाया गया, जिसने अनिवार्य “रीसेंसी” शर्त को पूरा नहीं किया था। इस नियम के तहत पायलट को पिछली 90 दिनों की अवधि में कम से कम तीन टेक-ऑफ और तीन लैंडिंग पूरी करनी होती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर इंडिया की रोस्टरिंग टीम ने इस नियम के उल्लंघन को लेकर बार-बार मिले अलर्ट को नजरअंदाज किया, जिसे नियामक ने एक गंभीर सुरक्षा चूक करार दिया।

Also read: TATA Group HQ में पसरा सन्नाटा, क्या बोले नोएल टाटा, एन. चंद्रशेखरन

मई 2024 में DGCA ने एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया। यह नोटिस दो लंबी दूरी की उड़ानों में यात्रियों को बिना उचित एयर कंडीशनिंग के दमघोंटू केबिन में छोड़ने के मामले में जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया कि एयरलाइन “बार-बार यात्रियों की देखभाल करने में विफल रही है।”

24 और 30 मई को मुंबई से सैन फ्रांसिस्को जाने वाली फ्लाइट AI-179 और दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जाने वाली फ्लाइट AI-183 को क्रमश: 18 और 20 घंटे से अधिक की देरी का सामना करना पड़ा। जहां AI-179 में संचालन संबंधी समस्याएं थीं, वहीं AI-183 के यात्रियों को बेहद गर्म और असहज केबिन में घंटों गुजारने पड़े—जिसके चलते कुछ यात्री बेहोश हो गए। आखिरकार उड़ान रद्द कर दी गई और यात्रियों को विमान से उतार दिया गया।

मार्च 2024 में DGCA ने पायलटों की थकान रोकने के लिए तय किए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के उल्लंघन के मामले में एयर इंडिया पर ₹80 लाख का जुर्माना लगाया। इससे एक माह पहले, फरवरी में, DGCA ने एयरलाइन पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना उस घटना को लेकर लगाया गया था, जिसमें एक बुजुर्ग यात्री को दिल का दौरा पड़ गया था और उनकी मौत हो गई थी। एयर इंडिया पर आरोप था कि उसने यात्री के लिए अनुरोधित व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई, जिससे उन्हें बिना किसी मदद के टर्मिनल तक पैदल जाना पड़ा।

Also read: Air India plane crash: AAIB विमान दुर्घटना की करेगा जांच, 242 यात्री थे सवार; PM मोदी ने स्थिति का लिया जायजा

जनवरी 2024 में DGCA ने एयर इंडिया पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई घने कोहरे के दौरान पर्याप्त संख्या में CAT-III प्रशिक्षित पायलटों की ड्यूटी तय न करने को लेकर की गई थी। CAT-III तकनीक की मदद से कम विजिबिलटी में विमान की सुरक्षित लैंडिंग की जा सकती है, लेकिन इसके लिए खास ट्रेनिंग जरूरी होती है। ऐसे पायलटों की कमी की वजह से कई उड़ानों में देरी हुई और कुछ को रद्द भी करना पड़ा।

कॉकपिट नियमों के उल्लंघन पर भी सवाल उठे हैं। जून 2023 में एयर इंडिया के दो पायलटों को सस्पेंड किया गया—एक को एक साल और दूसरे को एक महीने के लिए। उन्होंने चंडीगढ़ से लेह जा रही फ्लाइट के दौरान एक अनधिकृत व्यक्ति को कॉकपिट में घुसने दिया था। इससे पहले फरवरी 2023 में, दिल्ली से दुबई जा रही फ्लाइट में एक कप्तान ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में आने की अनुमति दी थी। इस मामले में कप्तान को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया, जबकि सह-पायलट को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

Also read: Air India Plane Crash: पीएम मोदी ने स्थिति का जायजा लिया, हर संभव मदद का निर्देश; अमित शाह और नायडू को भेजा अहमदाबाद

जनवरी 2023 में न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में एक यात्री द्वारा दूसरे यात्री पर पेशाब करने की घटना को ठीक से नहीं संभालने पर एयर इंडिया पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया गया। एयरलाइन पर रिपोर्ट दर्ज करने में देरी और तय मानकों का पालन न करने का आरोप लगा।

जून 2022 में, टाटा समूह के अधिग्रहण के कुछ ही समय बाद, DGCA ने एयर इंडिया पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई उन वैध टिकट धारकों को बोर्डिंग से मना करने के मामले में की गई, जिन्हें एविएशन नियमों के तहत मुआवजा भी नहीं दिया गया था।

व्यक्तिगत घटनाओं से आगे बढ़कर DGCA ने एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रणालीगत चिंताएं भी जताई थीं। 2023 में DGCA ने एयरलाइन की सुरक्षा निगरानी व्यवस्था में भ्रम की स्थिति की ओर इशारा किया था। इसमें खास तौर पर फ्लाइट सेफ्टी चीफ राजीव गुप्ता और सेफ्टी, सिक्योरिटी और क्वालिटी हेड हेनरी डोनोह्यू की भूमिकाएं एक-दूसरे से टकराती हुई नजर आईं।

इस पर DGCA ने एयर इंडिया के CEO और MD कैंपबेल विल्सन, जो एविएशन कानून के तहत “अकाउंटेबल मैनेजर” माने जाते हैं, से कहा कि वे रिपोर्टिंग व्यवस्था को स्पष्ट करें, ताकि सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं का समाधान जल्दी हो सके।

Also read: Ahmedabad plane crash: विमान हादसे पर अधिक जानकारी जुटाने में लगी बोइंग, शेयर 9% लुढ़का

बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवालों के जवाब में, एयर इंडिया के प्रवक्ता ने 2023 में कहा था कि चीफ ऑफ फ्लाइट सेफ्टी को DGCA की मंजूरी प्राप्त है और वे सीधे अकाउंटेबल मैनेजर को रिपोर्ट करते हैं।

प्रवक्ता ने कहा, “DGCA द्वारा एक साल पहले दी गई मंजूरी के मुताबिक, कैप्टन गुप्ता एयर इंडिया में फ्लाइट सेफ्टी की पूरी जिम्मेदारी संभालते हैं। हेनरी डोनोह्यू को ग्रुप की सभी एयरलाइनों में सुरक्षा मानकों को मजबूत करने और उनमें समन्वय के लिए कॉरपोरेट स्तर पर नियुक्त किया गया है। उनका काम फ्लाइट सेफ्टी हेड की भूमिका के पूरक के रूप में है और इसमें कोई टकराव नहीं है।”

First Published : June 12, 2025 | 8:03 PM IST