‘कोविड से 7,000 करोड़ रुपये की चपत’

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 10:42 PM IST

फ्यूचर समूह के चेयरमैन किशोर बियाणी उद्यमी के तौर पर जीवन को लेकर सहज एवं स्पष्ट नजरिये के लिए जाने जाते हैं। 59 वर्षीय बियाणी अपना खुदरा कारोबार रिलायंस को बेचने के बाद बुधवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के यह स्वीकार किया कि उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। बियाणी ने कहा कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण राजस्व नुकसान और बढ़ते कर्ज के बाद उनके पास खुदरा कारोबार बेचने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था।
 उन्होंने एक ऑनलाइन सम्मेलन फिजिटल रिटेल कन्वेंशन में कहा, ‘कोविड-19 महामारी में हम बुरी तरह उलझ कर रह गए। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे स्टोरों पर तीन से चार महीनों के लिए ताला लटक जाएगा।
लेकिन यह हुआ। पहले तीन से चार महीने में हमें 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बिक्री तो थम गई लेकिन किराया और ब्याज जाते रहे। इतना बड़ा नुकसान झेलने के बाद कोई कंपनी कारोबार बचाए नहीं रख सकती थी।’
बियाणी ने एमेजॉन के साथ फ्यूचर के मौजूदा कानूनी विवाद पर कुछ कहने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद पिछले सात महीनों में उन्होंने कई सबक लिए हैं। इनमें छोटे-छोटे लक्ष्यों के साथ डिजिटल माध्यम पर जोर देना भी शामिल है। बियाणी ने कहा, ‘पिछले छह से सात महीने आत्मचिंतन करने का एक बेहतर अवसर था। भारत एक बड़ा बाजार है और कोई एक ही बार में एक साथ सबकुछ नहीं कर सकता। मैंने मससूस किया है कि छोटे लक्ष्य तय कर उन्हें पाने की कोशिश करना बेहद अच्छा है। पिछले छह से सात वर्षों में हमने कई अधिग्रहण किए थे। ऐसा करना हमारी गलती थी। इस दौरान एक सबसे बड़ा सबक जो मुझे मिला है कि राष्ट्रीय स्तर के बजाय स्थानीय स्तर पर अधिक ध्यान देना चाहिए। नए कारोबार के पीछे अपनी पूरी ताकत लगा देना उलझन भरा हो सकता है, इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए। आने वाला समय डिजिटल तकनीक का है, जिनमें कृत्रिम मेधा, डेटा आदि की अहम भूमिका होगी।’
बियाणी ने ‘तथास्तु’ के नाम से अपने खुदरा कारोबार को डिजिटल चोला पहनाने की पहल की थी, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी। महामारी के बाद उनके समूह ने कर्जदाताओं को भुगतान में चूक कर दी थी। वह उपभोक्ता एवं फैशन की वस्तुओं के विनिर्माता के तौर पर इस कार्यक्रम को दोबारा शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 से 15 वर्षों से मैं खाद्य क्षेत्र को लेकर खासा उत्साहित था। हालांकि शुरुआत मैंने फैशन के साथ की। होम रिटेलिंग बिल्कुल एक अलग कारोबार था।’
किशोर बियाणी प्रैक्सिस होम रिटेल के नाम से होम रिटेलिंग कारोबार करते हैं, जहां उन्होंने ऑनलाइनऊ और ऑफलाइन खुदरा कारोबार में तालमेल बैठाने में सक्रियता दिखाई है।उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में मेरे लिए यह बताना मुश्किल है  कि महामारी खत्म होने के बाद खुदरा कारोबार का स्वरूप कैस होगा। हालांकि मौजूदा हालात से यही लगता है कि उपभोक्ताओं को कम में ही अधिक फायदा होगा। सामाजिक संपर्क पहले से कम हो गया है। डिजिटल माध्यम का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए स्टोर जाकर खरीदारी करने का रोमांच कम हो गया है। खुदरा कारोबार करने वाली कंपनियों को ग्राहकों को अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित करना होगा।’ सितंबर लगातार तीसरा महीना रहा जिसमें ग्राहकों का विश्वास सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।

First Published : October 14, 2020 | 10:57 PM IST