तीसरी पीढ़ी की दूरसंचार सेवा थ्री जी स्पेक्ट्रम मुहैया कराने के लिए विदेशी कंपनियों के प्रवेश को लेकर उठा मसला पीएम दरबार पहुंचेगा।
दूरसंचार विभाग और ट्राई के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए दूरसंचार मंत्री ए. राजा कोई भी निर्णय करने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे।
टेलिकॉम उपकरण निर्माताओं की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के बाद राजा ने कहा- इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से बात करूंगा कि राजस्व वृद्धि के लिए थ्री जी दूरसंचार सेवाओं के क्षेत्र में और कंपनियों को प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए या हमें ट्राई की सिफारिशों को स्वीकार करना चाहिए।
पिछले महीने ट्राई ने दूरसंचार विभाग के उस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि विदेशी कंपनियों को भी इस क्षेत्र में आने की अनुमति दी जाए। ट्राई के मुताबिक, देश में दूरसंचार सेवा उपलब्ध करा रही कंपनियां थ्री जी सेवा मुहैया कराने में समर्थ हैं और उनके पास हर तरह की आधारभूत सुविधाएं भी मौजूद हैं।
थ्री जी स्पेक्ट्रम और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवा उपलब्ध कराने के मसले पर ट्राई ने दूरसंचार विभाग से कहा था कि सभी यूएएसएल और सीएमएसपी कंपनियों को उनकी योग्यता के आधार पर थ्री जी स्पेक्ट्रम का आबंटन किया जाए। हालांकि अप्रैल में दूरसंचार विभाग ने ट्राई को कहा कि वह विचार करे कि विदेशी कंपनियों को भी इसमें भागीदार बनाना चाहिए या नहीं।
जल्द सुलझेगा ब्लैकबेरी विवाद
कनाडा की स्मार्टफोन कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ने सरकार को आश्वस्त किया है कि वह महीने भर में कोई ऐसा समाधान पेश करेगी, जिससे दूरसंचार विभाग इस सेवा से भेजे जाने वाले ई-मेल और डाटा पर निगरानी रख सकेगा।