महंगाई दर के नीचे जाते ही प्रतिबंधित जिंसों के दिन बहुरने की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
जिंस कारोबार की नियंत्रक वायदा बाजार आयोग ने शुक्रवार को कहा कि महंगाई दर में नरमी आने के मद्देनजर प्रतिबंधित आठ जिंसों के वायदा कारोबार को 30 नवंबर के बाद शुरू किया जा सकता है।
वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के अध्यक्ष बी. सी. खटुआ का कहना है कि हम सरकार को लिखने जा रहे हैं कि समय सीमा खत्म हो जाने के बाद इन आठ प्रतिबंधित जिंसों के वायदा कारोबार की अनुमति दे दी जाए।
उन्होंने कहा कि यह स्वत: समाप्त होने वाला प्रतिबंध है लिहाजा इसका नवीकरण न किया गया तो यह अपने-आप ही समाप्त हो जाएगा। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल चावल, गेहूं, तुर और उड़द जबकि इस साल मई में आलू, चना, सोयाबीन और रबर के वायदा कारोबार को प्रतिबंधित कर दिया था। प्रतिबंध लागू करने की वजह इन जिंसों पर यह आरोप होना था कि इनके वायदा कारोबार से ही कीमतों में वृध्दि हो रही है।
खटुआ ने कहा कि सरकार इस बारे में आश्वस्त है कि वायदा कारोबार का महंगाई दर पर कोई प्रभाव नहीं होता। सरकार द्वारा गठित अभिजित सेन समिति ने भी इस कारोबार को लगभग क्लीनचिट दे दी थी। खटुआ ने कहा कि खरीफ फसल तैयार हो जाने और रबी की बुआई शुरू हो जाने के बाद इस प्रतिबंध के हटाए जाने की संभावना है।
यह पूछने पर कि अगर महंगाई दर में कोई खास कमी न हुई तो भी इन प्रतिबंधों को जारी रखा जाएगा, खटुआ ने कहा कि उन्हें 30 नवंबर तक महंगाई दर के दोहरे अंक से नीचे आने की उम्मीद है।