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भड़की जाए है कच्चे तेल की आग आहिस्ता…

Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 AM IST

प्रमुख तेल उत्पादक देश सऊदी अरब द्वारा उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद भी एशियाई बाजार में तेल की कीमतों में तेजी का रुख रहा।


सुबह के कारोबार में न्यू यॉर्क के प्रमुख तेल कांट्रैक्टर लाइट स्वीट क्रूड में जून अनुबंध के लिए तेल की कीमतों में 19 सेंट का उछाल आया और कीमतें 127.24 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं।

न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में सोमवार को तेल का बेंचमार्क अनुबंध 127.05 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था जबकि शुक्रवार को तेल की कीमतों ने अभी तक के सारे रेकॉर्ड तोड़कर 127.82 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई थीं।

लंदन के ब्रेंट नॉर्थ सी में भी तेल की कीमतों ने 29 सेंट का उछाल आया और कीमतें 126.34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। सऊदी अरब के तेल मंत्री अली अल नईमी ने शुक्रवार को तेल उत्पादन को 3,00,000 बैरल प्रतिदिन तक बढ़ाने की घोषणा की थी। सऊदी अरब ने तेल की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिहाज से यह कदम उठाया है।

गौरतलब है कि अलग-अलग कारणों से इस समय ओपेक देशों में से कुछ का तेल उत्पादन प्रभावित हुआ है। सऊदी अरब ने कहा है कि वह वैश्विक मांग को पूरा करने की दिशा में कुछ कदम उठाएगा। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और सऊदी अरब के सुलतान अब्दुल्ला के बीच हुई मुलाकात के बाद सऊदी अरब ने यह फैसला लिया है।

दुनिया में तेल का सबसे बड़ा उत्पादक सऊदी अरब जून से 94.5 लाख बैरल तेल का रोजाना उत्पादन करना शुरू करेगा। दूसरी ओर कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी अरब के इस कदम से तेल की कीमतें के कम होने के आसार नहीं हैं। इनका कहना है कि दुनिया भर में जिस अनुपात में तेल की मांग बढ़ रही है उस लिहाज से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

इन विश्लेषकों का मानना है कि तंग आपूर्ति की वजह से निवेशक कच्चे तेल में निवेश करने से हिचक नहीं रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल कें आंकड़े को छू सकती हैं।

First Published - May 20, 2008 | 11:29 PM IST

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