पिछले एक पखवाड़े में स्पंज आयरन के निर्माताओं ने अपने उत्पाद की कीमतों में 17 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। दरअसल स्पंज आयरन निर्माता मौजूदा मंदी के बाजार में भी पैसे बनाने के मौके को छोड़ना नहीं चाहते।
लगभग एक पखवाड़े पहले ही स्टील बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे पदार्थ यानी स्पंज आयरन की कीमतें 12,000 रुपये प्रति टन से बढ़कर 14,000 रुपये प्रति टन हो गई। हाल के दिनों में स्टील निर्माताओं की ओर से स्पंज आयरन की मांग बढ़ी है।
इसकी एक वजह यह भी है कि स्पंज आयरन के एक पूरक के तौर पर इस्तेमाल में लिए जाने वाले स्क्रैप की कतरनों के आयात में कमी आई है। भारत में 5 करोड़ टन स्टील उत्पादन में लगभग 60 फीसदी योगदान सेकंडरी स्टील के निर्माताओं का है जो स्टील बनाने के लिए स्पंज आयरन और स्क्रैप का इस्तेमाल करते हैं।
आमतौर पर जब स्क्रैप की आपूर्ति में कमी आती है तब स्पंज आयरन की मांग में इजाफा होता है। स्पंज आयरन की कीमतें बढ़ने से खासतौर पर सैकड़ों छोटे स्पंज निर्माताओं को भी राहत मिलेगी क्योंकि पिछले साल मंदी का दौर शुरू होने की वजह से इन पर काफी दबाव था।
पिछले साल की तीसरी तिमाही में जब वैश्विक आर्थिक मंदी का दौर शुरू हुआ तब स्पंज आयरन की कीमतें अचानक से बढ़कर 18,500 रुपये प्रति टन हो गई।
मॉनेट इस्पात लिमिटेड के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स) अमिताभ मुद्गल का कहना है, ‘लंबी स्टील बनाने वाले निर्माताओं ने मांग को देखते हुए उत्पादन और तेज कर दिया गया है। इसके अलावा दूसरे स्टील निर्माताओं की ओर से भी मांग की जा रही है।’
हालांकि भारी लोहे की मांग को देखते हुए कीमतों का इस स्तर पर बने रहना चिंता का विषय है। अगर स्पंज आयरन के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कच्चे माल, लौह अयस्क की कीमतें बढ़ती रहीं तो स्टील बनाने वाले कच्चे माल की मांग घट सकती है।
मुद्गल ने कहा कि अगर लौह अयस्क का खनन करने वाले कीमतें स्थिर रखते हैं तो स्पंज आयरन की कीमतों में बढ़ोतरी कुछ दिनों तक और बरकरार रह सकती है।
अगर कीमतों में आगे बढ़ोतरी होती है तो इस उद्योग को क्षमता का विस्तार वर्तमान के 75 प्रतिशत से बढ़कर इस साल के अंत तक 80-85 प्रतिशत हो सकती है।
मांग में बढ़ोतरी होने से ऐसा भी हो सकता है कि स्टील के तैयार माल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो। फ्लैट उत्पादों की कीमतों में 200-300 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं लांग प्रोडक्ट्स की कीमतों में इससे भी तेज 500-700 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी एक पखवाड़े में हो चुकी है।
इस समय स्टील इन्गोट की मांग बहुत ज्यादा है, जिसकी कीमतों में 500-700 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है और यह अब गोबिन्द गढ़ के हाजिर बाजार में 25,600 रुपये प्रति टन पर पहुंच चुका है।
एंगल और ग्रिडर में भी बढ़ोतरी हुई है और यह क्रमश: 29,600 प्रति टन और 32,600 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई है। पंजाब की गोविंदगढ़ मंडी के एक विश्लेषक ने कहा, ‘अभी ग्राहकों में भी बढ़ोतरी को लेकर डर है और वे लंबे समय के लिए ऑर्डर दे रहे हैं।’
फ्लैट उत्पादों की कीमतों में 200-300 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है, हॉट रोल्ड क्वायल (एचआरसी) वर्तमान में 42,500 रुपये प्रति टन के भाव बिक रहा है। वही कोल्ड रोल्ड क्वायल (सीआरसी) 44,600 रुपये प्रति टन बिक रहा है।
हॉट रोल्ड शीट और कोल्ड रोल्ड शीट की कीमतें बढ़कर 43,000 और 46,400 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई हैं। भारत में स्पंज आयरन का वार्षिक उत्पादन 2 करोड़ टन है और इस क्षेत्र में संगठित और असंगठित दोनो क्षेत्र में काम होता है।
एक टन बेहतरीन गुणवत्ता के स्पंज आयरन के उत्पादन में 1.5-2 टन कोयले और लौह अयस्क की जरूरत होती है।