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पश्चिम बंगाल में कम होगा आलू उत्पादन

Last Updated- December 10, 2022 | 12:51 AM IST

पिछले साल की तुलना में इस साल पश्चिम बंगाल में आलू के उत्पादन में 30 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है, क्योंकि आलू की फसल बीमारी की चपेट में आ गई है।
पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री नरेन डे ने कहा कि इस साल आलू का कुल उत्पादन, सामान्य उत्पादन से 22,00,000 टन कम होने का अनुमान है।
पिछले साल रिकॉर्ड 80,00,000 टन आलू का उत्पादन हुआ था और यह उत्पादन उसके पहले के साल के 50,00,000 टन की तुलना में 60 प्रतिशत ज्यादा था।
2007 में आलू का कुल उत्पादन 50,00,000 टन था और उस साल भी आलू की फसल में लेट ब्लाइट नाम की बीमारी से प्रभावित हुई थी। इस बीमारी ने 85 प्रतिशत फसल को प्रभावित किया था।
बहरहाल पिछले साल के बंपर उत्पादन के बाद किसानों को फसलों को बेचने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। राज्य सरकार ने सब्सिडी के माध्यम से हस्तक्षेप भी किया था, लेकिन इसका फायदा किसानों से ज्यादा कारोबारियों को मिला।
राज्य में आलू उत्पादन के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि बीज के लिए दूसरे राज्यों से आयात पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस साल 35 प्रतिशत आलू बीज का आयात पंजाब से किया गया।
पश्चिम बंगाल में कुल आलू की खपत 45,00,000 टन है। इसके अलावा यहां से उड़ीसा, असम और आंध्र प्रदेश में आलू भेजा जाता है। राज्य में कुल 370 कोल्ड स्टोरेज हैं, जिनमें करीब 53,00,000 टन आलू रखा जा सकता है।

First Published - February 12, 2009 | 5:30 PM IST

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