इंद्रप्रस्थ गैस (आईजीएल) ने राष्ट्रीय राजधानी में घरेलू पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) की कीमत 50 पैसे बढ़ाकर 35.61 रुपये प्रति यूनिट (जिसका मापन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर या एससीएम में होता है) कर दिया है। नई कीमत बुधवार से लागू हुई है, जिसका मतलब है कि देश के 16.85 लाख परिवारों के लिए रसोई ईंधन और महंगी हो गई है, जो आईजीएल की पीएनजी का इस्तेमाल करते हैं।
आईजीएल ने चालू वित्त वर्ष में पांचवीं बार पीएनजी की कीमत बढ़ाई है। इस अवधि के दौरान 20 प्रतिशत से ज्यादा या 5.95 रुपये प्रति यूनिट कीमत बढ़ी है। इस बढ़ोतरी से मोटे तौर पर ग्राहकों पर रसोई गैस की कीमत का बोझ पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 92 रुपये प्रति माह बढ़ गया है। अनुमान के मुताबिक एक परिवार रोजनाना आधा यूनिट पीएनजी खर्च करता है।
पीएनजी की कीमत में बढ़ोतरी की मुक्य वजह आईजीएल के इनपुट लागत में बढ़ोतरी है। अक्टूबर 2021 में केंद्र सरकार ने प्रशासित मूल्य के दौर (एपीएम) के तहत घरेलू तौर पर उपलब्ध प्राकृतिक गैस के बिक्री मूल्य में 62 प्रतिशत बढ़ोतरी करके 1.79 डॉलर प्रति ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से 2.9 डॉलर एमएमबीटीयू कर दिया था। इसी के साथ गहरे जल, बहुत गहरे जल और उच्च दाब और उच्च ताप वाले क्षेत्रों (जिन्हें कठिन क्षेत्र कहा जाता है) से मिलने वाली गैस की कीमत करीब दोगुनी करके 3.62 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से 6.13 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दिया था।
घरेलू उपलब्ध गैस की कीमत में बढ़ोतरी की गई थी, वहीं तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के रूप में मिलने वाली वैश्विक प्राकृतिक गैस की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई। उत्तर एशिया में डिलिवरी वाली एलएनजी की कीमत अक्टूबर 2021 में 56 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो गई। यह बढ़ोतरी हाजिर एलएनजी के दाम में हुई, जिसकी डिलिवरी दिसंबर 2021 में होनी थी। दिसंबर में यूरोप में ठंड के कारण मांग बढ़ जाती है, जिससे वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर दबाव पड़ता है।
रिकॉर्ड उच्च स्तर से कीमत नीचे आने के बावजूद एशियाई एलएनजी की कीमत ज्यादा बनी हुई है और यह दिसंबर 2021 में 48.3 प्रति एमएमबीटीयू को छू गई। यह कीमत फरवरी 2022 में डिलिवरी के लिए थी। ज्यादा कीमत का असर भारत में पीएनजी ग्राहकों पर पड़ा है, क्योंकि आईजीएल प्राकृतिक गैस की मांग का 20 प्रतिशत ही आपूर्ति करती है।
डेलॉयट इंडिया में लीडर एनजी, रिसोर्सेज और इंडस्ट्रियल देवाशीष मिश्र ने कहा कि पीएनजी की ज्यादा कीमत का मतलब तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलिंडरों की तुलना में इसकी स्वीकार्यता मुश्किल होना है। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘एलपीजी के ग्राहक शुरुआती जमा के साथ पीएनजी की ओर धीरे धीरे बढ़ रहे थे। इसकी लागत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होनेे की स्थिति में पीएनजी सेग्मेंट में मुश्किल बढ़ सकती है।’
आधिकारिक अनुमान के मुताबिक पीएनजी की ज्यादा कीमत के बावजूद यह घरेलू रसोई गैस सिलिंडर (14.2 किलो) की तुलना में यह करीब 25 प्रतिशत सस्ती है। इसकी वजह है कि रसोई गैस पर मई 2020 से सब्सिडी खत्म किए जाने से एलपीजी सिलिंडर की कीमत भी बढ़ी है। घरेलू रसोई गैस की कीमत अक्टूबर 2021 की कीमत अक्टूबर 2021 से 899.50 रुपये प्रति सिलिंडर है।