आलू की बंपर पैदावार और इस वजह से इसकी कीमतों में आई गिरावट से आलू उगाने वाले किसानों को चेहरे मुरझाए तो अब बारी है प्याज उगाने वाले किसानों की।
इस साल प्याज की बंपर पैदावार हुई है और इस वजह से कीमतों पर अच्छा खासा असर पड़ा है। गुजरात में प्याज की पैदावार में 55 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है और यह 19.24 लाख मीट्रिक टन के स्तर पर जा पहुंचा है।राज्य कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों केमुताबिक, पिछले साल प्याज की पैदावार में 12.42 फीसदी का उछाल आया था, लेकिन इस साल यह 19.24 लाख मीट्रिक टन के स्तर पर पहुंचने के आसार हैं और इस तरह इसमें 55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।
गुजरात के कृषि मंत्री दिलीप संघानी ने राज्य विधानसभा में बताया कि 2007-08 में 80200 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल लगाई गई थी, जबकि एक साल पहले प्याज की फसल 52133 हेक्टेयर में लगाई गई थी। इस तरह फसल क्षेत्र में करीब 53 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अच्छी पैदावार की खबर से प्याज की कीमतों के छिलके उतरने लगे हैं। वर्तमान में काठियावाड़ वेरायटी का प्याज प्रति 20 किलो घटकर 45-75 रुपये के स्तर पर आ गया है। स्थानीय व्यापारी ने बताया कि दिसंबर 2007 से पहले इसका भाव 100 रुपये से ज्यादा था। प्याज की कीमतों पर टिप्पणी करते हुए राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि काठियावाड़ के प्याज, लाल प्याज और उजले प्याज की कीमत फिलहाल 300 रुपये प्रति क्विंटल, 375 रुपये प्रति क्विंटल और 280 रुपये प्रति क्विंटल है।
प्याज की 50 फीसदी फसल बाजार में आ गई है। आलू की बंपर पैदावार के चलते जिस तरह इसकी कीमतों में कमी आई है और सरकार ने आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया, ठीक उसी तरह प्याज उत्पादकों ने भी सरकार से प्याज खरीदने की मांग की है ताकि किसानों के नुकसान की भरपाई की जा सके। हालांकि कृषि मंत्री ने कहा कि फिलहाल प्याज की कीमत बाजार हस्तक्षेप नार्म्स (एमआईएस) से ऊपर है और अभी प्याज की खरीदारी की सरकार की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा कि आलू की तरह प्याज की खरीदारी नहीं की जाएगी। मंत्री ने कहा कि जब प्याज की कीमत एमआईएस से नीचे आती है तो गुजरात सरकार केंद्र से संपर्क साधेगी और प्याज की किसी भी तरह की खरीद केंद्र सरकार की अनुमति के बाद ही की जाएगी।