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Onion Export: निर्यात में ढील के साथ आम आदमी को रुलाने को तैयार प्याज

Onion Export: एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में प्याज के दाम 1,640 रुपये से बढ़कर 1,840 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- March 05, 2024 | 7:52 PM IST

Onion Export: देश में कुछ समय से स्थिर रहने वाले प्याज के दाम एक बार फिर से तेजी की राह पर चल पड़े हैं। महज दो दिन के अंदर प्याज की कीमतों में 10-20 फीसदी तक तेजी देखने को मिली है। दरअसल केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद कुछ देशों को प्याज निर्यात करने का फैसला लिया है। प्याज निर्यात की खबर बाजार में पहुंचते ही घरेलू बाजार में प्याज की आवक कमजोर हुई और कीमतें बढ़ना शुरू हो गई।

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने तीन मार्च को अधिसूचना जारी कर बताया कि केंद्र सरकार ने 64,400 टन प्याज को बांग्लादेश और यूएई नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के जरिए निर्यात की मंजूरी दे दी है। 50 हजार टन प्याज को बांग्लादेश और 14,400 टन प्याज यूएई को निर्यात करने की मंजूरी मिली है।

उपभोक्ता मंत्रालय से परामर्श लेने के बाद ही नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड बांग्लादेश में प्याज को निर्यात करने के तरीकों के बारे में रूपरेखा निर्धारित करेगा। एनसीईएल के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात को 14,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति देने वाली अधिसूचना में प्रत्येक तिमाही के लिए 3,600 मीट्रिक टन की सीमा रखी गई है।

एक महीने में दोगुना हुए प्याज के दाम

प्याज निर्यात में छूट की खबरों के साथ प्याज के दाम एक बार फिर तेजी से बढ़ना शुरू हो गए। एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में प्याज के दाम 1,640 रुपये से बढ़कर 1,840 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जबकि एक महीने के अंदर यहां प्याज करीब 56 फीसदी महंगी हुई।

दरअसल निर्यात अधिसूचना निकालने के एक महीना पहले ही कारोबारियों को निर्यात में छूट के संकेत मिलना शुरू हो गए थे। इस इलाके के सांसद किसानों के बीच खुलकर बोलना शुरू कर दिये थे कि सरकार प्याज के निर्यात में लगी पाबंदी जल्द हटाने वाली है। एक महीना पहले लासलगांव में प्याज के दाम गिरकर 1,180 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गए थे।

निर्यात के लिए शुरू हो गई खरीदारी

एपीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि प्याज निर्यातकों ने विदेशी बाजारों में बेचने के लिए प्याज खरीदना भी शुरू कर दिया है। जिसके वजह से प्याज के दाम तेजी से बढ़ना शुरू हो गए हैं। दाम बढ़ने की आशंका के चलते मंडी में आवक कमजोर हुई है। पांच मार्च को लासलगांव मंडी में कुल 884.80 टन प्याज बोली के लिए आई जबकि एक मार्च को बाजार में 1523.50 टन प्याज की आवक हुई थी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज के दाम स्थिर रखने के लिए पिछले साल 7 दिसंबर को हर तरह के प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध 31 मार्च, 2024 तक के लिए है। पिछले साल 6 दिसंबर को लासलगांव में प्याज की अधिकतम कीमत 4,600 रुपये, न्यूनतम कीमत और औसत कीमत 3,800 रुपये प्रति क्विंटल थी।

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कारोबारी चाहते हैं सीधे निर्यात की अनुमति

प्याज कारोबारियों के मुताबिक, दिसंबर 2023 से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद से निर्यातक परेशान थे। लेकिन नए अधिसूचना के मुताबिक सरकार एनसीईएल के जरिए एफपीओ से निर्धारित दाम में खरीद करेगी। जिससे मार्केट में प्याज की डिमांड बढ़ जाएगी। हालांकि, इससे थोक कारोबारियों को दिक्कत होगी। क्योंकि कारोबारियों को भी महंगे दर पर प्याज खरीदना पड़ेगा। कारोबारियों का कहना है कि प्याज के इस निर्यात से कारोबारियों को कोई फायदा नहीं होगा। अगर सरकार कारोबारियों को खुद निर्यात करने की अनुमति देती तो बड़ी राहत मिलती।

आम आदमी को फिर से रुला सकती है प्याज

करीब तीन महीने से निर्यात पर प्रतिबंध से मंडियों में प्याज के दाम स्थिर हो गए थे। जिस दाम पर प्याज बिक रहा था उसका किसान भी विरोध नहीं कर रहे थे। लेकिन निर्यात में ढील दिये जाने से प्याज के दाम एक बार फिर से तेजी से बढ़ सकते हैं। खुदरा बाजार में प्याज के दाम बढ़कर 40-50 रुपये किलोग्राम हो गए हैं।

कारोबारियों का कहना है कि थोक बाजार में कीमतें बढ़ने और आवक कमजोर होने का असर खुदरा बाजार पर पड़ेगा। जिससे प्याज के दाम अगले कुछ सप्ताह में बढ़कर 70-80 रुपये किलोग्राम तक पहुंच सकते हैं। हालांकि जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव होने के कारण सरकार हर हाल में प्याज की कीमत को काबू में रखने की कोशिश करेगी।

First Published : March 5, 2024 | 7:52 PM IST