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सरकार नहीं, तेल मार्केटिंग कंपनियों को उठाना होगा पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती का बोझ

पेट्रोल और डीजल के दामों में 15 मार्च के बाद से 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी गई है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- March 20, 2024 | 11:19 PM IST

तीन तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती के भार को उठाएंगी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार सरकार कोई अनुदान नहीं देगी यानी ईंधन के दाम कम करने का भार सरकार नहीं उठाएगी। ईंधन के दाम 22 महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई पर रहने के बाद तेल कंपनियों ने दामों में कटौती की है।

पेट्रोल और डीजल के दामों में 15 मार्च के बाद से 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस कटौती से तेल विपणन कंपनियों को वित्त वर्ष 2023-24 में 30,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 24) की हर तिमाही में ओएमसी ने मुनाफे का रिकॉर्ड स्थापित किया है। आने वाली तिमाहियों में राजस्व के अनुमान के मद्देनजर खुदरा दामों में कटौती करने के लिए कहा गया है। लिहाजा ऐसे में कंपनियों को सरकार से अनुदान दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता है।’

उन्होंने कहा कि 2024-25 के अंतरिम बजट में ऊर्जा बदलाव और नेट जीरो के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मदद की पेशकश की गई थी। अधिकारी ने कहा, ‘इस कोष का इस्तेमाल आमूलचूल परिवर्तन लाने वाली तकनीकी हासिल करने के लिए करना है जिससे और ऊर्जा बदलाव के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।’

साल 2023-24 के बजट में नए दौर के ईंधन – हरित हाइड्रोजन, एथनॉल और अन्य जैव ईंधनों के लिए 30,000 करोड़ रुपये के प्राथमिक पूंजी निवेश की घोषणा की गई थी। हालांकि यह कोष वितरित नहीं किया गया था और हालिया बजट में इसे घटाकर आधा यानी 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया।

बजट में हरित बदलाव के लिए रिकॉर्ड उच्च बजटीय अनुदान का ऐलान किया गया है। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन कम करना और हरित ईंधन व हरित ऊर्जा संसाधनों को अपनाने की ओर बढ़ना है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हालिया बजट में वित्त मंत्रालय ने ओएमसी की पूंजी जरूरतें कम होने के कारण इनके पूंजी परिव्यय को संशोधित किया है।

रिकॉर्ड मुनाफा

सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरशन भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन का करीब 90 फीसदी खुदरा बाजार पर कब्जा है। वित्त वर्ष 24 के पहले नौ महीनों में इन तीन कंपनियों ने 69,000 करोड़ रुपये का सकल शुद्ध लाभ अर्जित किया है जबकि बीते साल की इस अवधि में इन तीन कंपनियों को 18,622 करोड़ रुपये की सकल हानि हुई थी।

कंपनियों का राजस्व गिरने के बावजूद इनकी बिक्री मात्रा में इजाफा हुआ। फिच रेटिंग्स ने रिपोर्ट में कहा था कि इसकी वजह यह है कि एबिटा मार्जिन चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।

First Published : March 20, 2024 | 11:19 PM IST