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रूस से Q1FY25 में 25 फीसदी बढ़ा तेल आयात, आने वाले महीनों में और आएगी तेजी; जानें वजह

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारत का कुल मिलाकर कच्चे तेल का आयात 22.3 फीसदी बढ़कर 40.2 अरब डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 33 अरब डॉलर था।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- August 25, 2024 | 10:24 PM IST

रूस से कच्चे तेल का आयात मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बढ़कर 14.7 अरब डॉलर पहुंच गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के 11.83 अरब डॉलर की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा है।

हालांकि, वाणिज्य विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जून में भारत ने 4.6 अरब डॉलर का रूसी कच्चा तेल खरीदा है, जो मई के 5.8 अरब डॉलर की तुलना में कम है। मूल्य के आधार पर देखें तो भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस की हिस्सेदारी पहली तिमाही में 36.6 फीसदी रही है, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 35.8 फीसदी से थोड़ा अधिक है। हालांकि पहली तिमाही में हर महीने हिस्सेदारी बढ़ी है और जून में यह 41.2 फीसदी पर पहुंच गई, जो मई के 36.6 फीसदी और अप्रैल के 32.5 फीसदी से ज्यादा है।

उद्योग से जुड़े सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में तेल की खरीद रूस की ओर झुकी रही क्योंकि कच्चे तेल की कीमत 81 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बनी रही। अप्रैल और मई महीने और जून में भी ज्यादातर समय कीमत इस स्तर से ऊपर रही है।

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारत का कुल मिलाकर कच्चे तेल का आयात 22.3 फीसदी बढ़कर 40.2 अरब डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 33 अरब डॉलर था। भारत में 22 देशों से कच्चा तेल आया है, जबकि एक साल पहले 24 देशों से आया था।

उद्योग के सूत्रों का कहना है कि रूस से आयात आने वाले महीनों में बढ़ने की संभावना है, भले ही रूस के रिफाइनर घरेलू ईंधन का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। हालांकि, रूस के शिपमेंट को कच्चे तेल की आपूर्ति में संयुक्त अरब अमीरात और इराक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जहां से वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मात्रा में आयात क्रमशः 90 फीसदी और 13.5 फीसदी बढ़ा है।

जुलाई में आयात के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन लंदन की कमोडिटी डेटा एनालिटिक्स प्रोवाइडर वोर्टेक्सा के अनुमान के मुताबिक भारत के आयात में रूस के कच्चे तेल की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही है। यह इसके पहले के महीने में 42 फीसदी थी। मार्च में 28 फीसदी के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद रूस के तेल की हिस्सेदारी अब तुलनात्मक रूप से स्थिर है।

First Published : August 25, 2024 | 10:24 PM IST