कानपुर स्थित उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज (यूपीएसए) आगामी जुलाई से अपने निवेशकों को कंपनी स्टॉक के अलावे तेल, धातु आदि जिंसों में भी निवेश करने की अनुमति देने जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बीते साल भर में एक्सचेंज के कारोबार में खासी कमी आई है। एक्सचेंज के इसी सुस्त पड़े कारोबार को गति देने के लिए जिंस कारोबार को नियंत्रित करने वाली देश की शीर्ष संस्था मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) ने यहां जिंस कारोबार की शुरुआत करने का फैसला किया है।
एमसीएक्स ने तो अपनी योजना को सफल बनाने के लिए एक्सचेंज की निशुल्क सदस्यता का भी प्रस्ताव किया है। एमसीएक्स कानपुर के अलावा उत्तरी भारत के दो अन्य एक्सचेंजों जयपुर और मगध स्टॉक एक्सचेंज में भी कमोडिटी कारोबार को शुरू करने का निर्णय लिया है। उत्तरी भारत में अपने कारोबारी आधार को मजबूत करने के लिए एमसीएक्स जिंस कारोबार के लिए निशुल्क सदस्यता का अभियान चला रहा है।
उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज का गवर्निंग बोर्ड भी अपनी संस्था के कारोबारी विकास और विस्तार को लेकर उत्साहित है। वह उम्मीद कर रहा है कि इस प्रयास से उसके कारोबार में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी। यूपीएसए की गवर्निंग बोर्ड के सदस्य सुशील कनोडिया ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एक्सचेंज के पास पहले से ही पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं मौजूद हैं, लिहाजा जिंस कारोबार शुरू करने के लिए उसे आधारभूत सुविधाओं में निवेश करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
यही नहीं यहां जो ब्रोकर काम कर रहे हैं उनके पास पर्याप्त काम भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि यूपीएसए में अभी 700 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। कम कारोबार की वजह से तो इसे लखनऊ में मौजूद अपना एडीशनल ट्रेडिंग फ्लोर (एटीएफ) तक बंद करना पड़ा है। सदस्यों ने बताया कि कारोबार की मात्रा बढ़ाने के लिए यूपीएसए ने एक नई कार्ययोजना बनाने का फैसला किया है।
अपने घाटे को पूरा करने के लिए यूपीएसए ने तय किया है कि वह मद्रास स्टॉक एक्सचेंज की तर्ज पर एनएसई की सदस्यता ग्रहण करने की कोशिश करेगा। एटीएफ की स्थापना कारोबार बढ़ाने और लखनऊ के सदस्यों को ऑनलाइन सुविधाएं दिलाने के लिए किया गया था। एटीएफ में 22 सदस्यों के साथ मार्च 1999 में ऑनलाइन कारोबार की शुरुआत की गई थी।
हरेक सदस्यों को कंप्यूटर टर्मिनल दिया गया और वीसैट के जरिए इसे यूपीएसए के मुख्य सर्वर से जोड़ा गया था। कनोडिया ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि रोज तकरीबन 200 करोड़ रुपये के जिंस कारोबार होने का अनुमान है। इससे एक्सचेंज की आय में खासी बढ़ोतरी होने की संभावना है। उम्मीद है कि अगले महीने बोर्ड की होने वाली मीटिंग में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी। बदली हुई परिस्थितियों में बोर्ड ने अपने पुराने सदस्यों को भी एक्सचेंज में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है।