भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 9.3 अरब डॉलर घटकर 688 अरब डॉलर रह गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक यह 8 महीने में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट है। कुल भंडार में गिरावट की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों में कमी है, जो इस सप्ताह के दौरान 7.3 अरब डॉलर कम हुई है।
इसके पहले 15 नवंबर, 2024 को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार करीब 18 अरब डॉलर कम हुआ था। वहीं सितंबर 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार 705 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था।
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विशेषज्ञों का कहना है कि भंडार में कुल गिरावट की वजह हाजिर बाजार में डॉलर की बिक्री और घाटे का पुनर्मूल्यांकन है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान रिजर्व बैंक ने रुपये पर दबाव कम करने के लिए 6.9 अरब डॉलर की बिक्री की, साथ ही पुनर्मूल्यांकन की वजह से 2.1 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तु के निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद पिछले सप्ताह रुपया गिरकर 87 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया था। इसके बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजारों से निकासी की। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक निवेशक तेजी से विकसित बाजारों की ओर पूंजी स्थानांतरित कर रहे हैं, जो वर्तमान में रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं।