नए सीजन में खाद्य तेलों का आयात हुआ दोगुना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 9:55 PM IST

देश का खाद्य तेल आयात दिसंबर 2008 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दोगुने से भी अधिक हो गया। दिसंबर 2007 में इसका आयात जहां 7,19,125 टन रहा था, वहीं दिसंबर 2008 में 2,76,782 टन खाद्य तेल का आयात किया गया।


सूत्रों के मुताबिक, पाम तेल आयात पर शुल्क लगाए जाने की संभावना के मद्देनजर दिसंबर महीने में पाम तेल का जमकर आयात किया गया। इतना ही नहीं खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमत में हुई तेज कमी के चलते भी इसका आयात बढ़ा है।

मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के मुताबिक, नवंबर से शुरू हुए खाद्य तेलों के मौजूदा सीजन के पहले दो महीनों में इसका आयात दोगुने से ज्यादा बढ़ गया है।

2007 के नवंबर और दिसंबर में जहां 6,24,102 टन खाद्य तेलों का आयात हुआ, वहीं इस बार 12,38,157 टन तेल का आयात किया गया।

खाद्य तेल उद्योग का एक धड़ा अरसे से इसके आयात पर शुल्क लगाने की मांग सरकार से करता रहा है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हो रही जोरदार कमी से घरेलू कारोबारियों और किसानों को बचाने के लिए आयात शुल्क लगाने की मांग होती रही है।

इससे पहले सरकार ने नवंबर में कच्चे सोयाबीन तेल पर 20 फीसदी का आयात शुल्क लगाया था। हालांकि उद्योग ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा था कि आयात शुल्क कच्चे पाम तेल पर लगाया जाना चाहिए। मालूम हो कि देश के कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 85 फीसदी की है।

महंगाई दर पर लगाम लगाने की खातिर सरकार ने पिछले साल अप्रैल में कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया था। इसके अलावा रिफाइंड तेलों पर घटाकर 7.5 फीसदी का आयात शुल्क कर दिया गया।

उल्लेखनीय है भारत में 2007-08 के दौरान 56 लाख टन खाद्य तेलों का उत्पादन हुआ, वहीं घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए 2008-09 के लिए अनुमान है कि 1.33 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात होगा।

First Published : January 14, 2009 | 10:27 PM IST