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Gold Price : अगले साल 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है गोल्ड

कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक सोना घरेलू बाजार में 72,500 के ऊपरी लेवल तक जा सकता है।

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अजीत कुमार   
Last Updated- October 23, 2023 | 12:51 PM IST

ब्याज दरों में तेजी के साथ साथ यूएस डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) और बॉन्ड यील्ड (US bond yield) में जबरदस्त इजाफे के बावजूद इस वर्ष सोने ने जुझारू प्रदर्शन किया है। सोने ने इस साल अब तक 9 फीसदी जबकि पिछले एक साल में 20 फीसदी का रिटर्न दिया है।

मिडिल ईस्ट में जारी सैन्य संघर्ष और अमेरिका में आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की क्षीण होती संभावना के बीच इंटरनैशनल मार्केट में शुक्रवार यानी 20 अक्टूबर को सोने की कीमत बढ़कर अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। स्पॅाट गोल्ड 0.2 फीसदी की मजबूती के साथ 1,978 डॉलर प्रति औंस दर्ज किया गया। 20 जुलाई के बाद यह स्पॉट गोल्ड का सबसे ऊपरी स्तर है। जबकि यूएस फ्यूचर्स 0.5 फीसदी बढ़कर 1,990 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया।

घरेलू बाजार में एमसीएक्स  (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट भी 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 60,925 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। जबकि 5 अक्टूबर को बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चला गया था।

जानकारों के अनुसार ग्लोबल बैंकिंग संकट और अमेरिका में डेट-सीलिंग को लेकर बने गतिरोध ने अप्रैल, मई की शुरुआत में कीमतों को तगड़ा सपोर्ट किया। जिस वजह से उस समय इंटरनैशनल कीमतें अपने ऑल टाइम हाई के काफी करीब चली गई थी। इसी वर्ष 6 मई को स्पॉट गोल्ड 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक चला गया। जबकि 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था। ठीक उसी तरह यूएस गोल्ड फ्यूचर्स (US gold futures) भी  6 मई को 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा । जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।

घरेलू बाजार में इसी वर्ष 6 मई को MCX पर सोने की कीमत 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।

कीमतों में मौजूदा तेजी की वजह जियो पॉलिटिकल टेंशन है। लेकिन इन शॉर्ट-टर्म सपोर्ट को छोड़ दें तो विश्व के बड़े केंद्रीय बैकों खासकर चीन के केंद्रीय बैक की तरफ से आ रही खरीद ने इस साल  अभी तक  सोने को न सिर्फ औंधे मुंह गिरने से बचाया है बल्कि कीमतों को एक हद तक मजबूती बख्शी है।

निर्मल बंग के कुणाल शाह के मुताबिक यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में तेजी के बावजूद गोल्ड में मौजूदा बढ़त की वजह इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष के मद्देनजर निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर (safe-haven) येलो मेटल की मांग में आई तेजी है।  लेकिन अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर जब स्थिति स्पष्ट होगी तब केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सही मायने में सोने को तेजी देगी। उन स्थितियों में सोने में एक शानदार और टिकाऊ रैली देखी जा सकती है।

ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि अगले साल दूसरी छमाही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकता है।

कहां तक जा सकती हैं कीमतें?

कुणाल शाह के मुताबिक अगले साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में शानदार तेजी शुरू हो सकती है। कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक इंटरनैशनल मार्केट में सोना 2,400 डॉलर प्रति औंस जबकि घरेलू बाजार में 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक ऊपर जा सकता है। शाह मानते हैं कि केंद्रीय बैंकों की खरीद के साथ साथ फिजिकल और ईटीएफ बाइंग में आगे अच्छी खासी तेजी आएगी। अभी भी भारत और चीन जैसे देशों में मजबूत फिजिकल बाइंग (physical buying) आ रही है।

हालांकि कीमतों में आई हालिया तेजी के बाद भारत में डीलर्स गोल्ड पर 4 डॉलर प्रति औंस तक का डिस्काउंट दे रहे हैं। उधर चीन में प्रीमियम घटकर 44 -49 डॉलर प्रति औंस रह गया है।

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केंद्रीय बैंकों ने कितना गोल्ड खरीदा है ?

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के ताजा आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से 26 टन गोल्ड की खरीदारी की गई। इस तरह से इस साल चीन की तरफ से कुल खरीदारी बढ़कर 181 टन तक पहुंच गई गई है। पिछले नवंबर से चीन के केंद्रीय बैंक का गोल्ड रिजर्व 243 टन बढ़ा है। फिलहाल चीन का कुल गोल्ड रिजर्व 2,192 टन का है। लेकिन अभी भी चीन का गोल्ड रिजर्व उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व (forex reserves) का महज 4 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। भारत के केंद्रीय बैंक की तरफ से भी सितंबर में 15 टन गोल्ड की खरीदारी की गई जो पिछले 15 महीने में की गई सबसे ज्यादा खरीदारी है। इसके बाद नेट बायर्स के तौर पर सिंगापुर और पोलैंड के केंद्रीय बैंक का नंबर आता है।

तिमाहीकेंद्रीय बैंकों की तरफ से गोल्ड की नेट खरीद (टन)

Q2 22:         +158.6

Q3 22:         +458.8

Q4 22:         +381.8

Q1 23:         +284

Q2 23:         +102.9

आईएमएफ (IMF) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार यूएस के फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड रिजर्व की हिस्सेदारी 69 फीसदी है। जबकि जर्मनी और रूस के फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड रिजर्व की हिस्सेदारी क्रमश: 68 फीसदी और 25 फीसदी है।

इस तरह से देखें तो चीन का गोल्ड रिजर्व उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व के मुकाबले बेहद कम है। अगर चीन अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाकर कम से कम फॉरेक्स रिजर्व के  10 फीसदी तक भी ले जाता है तो इसके लिए उसे अतिरिक्त 3 हजार टन से ज्यादा गोल्ड की खरीदारी करनी होगी।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की तरफ से हालिया किए गए सर्वे के मुताबिक 24 फीसदी केंद्रीय बैंक अगले 12 महीने में गोल्ड रिजर्व बढ़ाना चाहते हैं। इसी सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि पिछले सर्वे के मुकाबले ज्यादातर केंद्रीय बैंक मान रहे हैं कि डी-डॉलराइजेशन (de-dollarization) के मद्देनजर गोल्ड की मांग में बढ़ोतरी होगी। रिजर्व करेंसी के तौर पर अमेरिकी करेंसी डॉलर के पर निर्भरता घटाने को डी-डॉलराइजेशन कहा जाता है।

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केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया के मुताबिक कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक सोना घरेलू बाजार में 72,500 के ऊपरी लेवल तक जा सकता है। जबकि इंटरनैशनल मार्केट में इसके 2,260 डॉलर प्रति औंस तक ऊपर जाने का अनुमान है।

जियो-पॉलिटिकल टेंशन, केंद्रीय बैंकों के साथ साथ मजबूत फिजिकल और इन्वेस्टमेंट बाइंग, अर्थव्यवस्था में धीमी तेजी, उच्च महंगाई दर सोने के लिए प्रमुख सपोर्टिव फैक्टर्स होंगे। इसके साथ ही ज्यादा वैल्यूएशन को लेकर इक्विटी में गिरावट की आशंका, रुपये में नरमी गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट कर सकते हैं। हालांकि यदि जियो-पॉलिटिकल टेंशन में यकायक कमी आती है तो नि:संदेह वार प्रीमियम घटेगा। साथ ही इन्वेस्टमेंट बाइंग में भी कमी आएगी। अजय केडिया प्राइस को लेकर एक और रिस्क की तरफ इशारा करते हैं। उनके मुताबिक यदि बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों की क्रय शक्ति (purchasing power) में कमी आती है तो इसका असर सोने की फिजिकल खरीद पर पड़ सकता है।

जेपी मॉर्गन की ताजा रिपोर्ट में भी गोल्ड में अगले साल की दूसरी छमाही में शानदार रैली का अनुमान जताया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा कैलेंडर ईयर की अंतिम तिमाही अक्टूबर -दिसंबर के दौरान सोने की औसत कीमत 1,920 डॉलर प्रति औंस रह सकती है। जबकि अगले वर्ष यानी 2024 की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में सोने का औसत भाव क्रमश: 1950, 2,030, 2,100 और 2,175 डॉलर प्रति औंस रह सकता है।

First Published : October 20, 2023 | 4:13 PM IST