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खुशी से झूमे पंजाब और हरियाणा के किसान

Last Updated- December 10, 2022 | 12:46 AM IST

पंजाब और हरियाणा के किसान इलाके में हुई बारिश से बेहद खुश हैं। बारिश की हल्की फुहार का किसानों को इंतजार था, जिसका रबी की फसल पर बहुत सकारात्मक असर होता है।
इस इलाके में टयूबवेल और सिंचाई के अन्य संसाधनों के बावजूद, किसान बारिश का इंतजार करते हैं, क्योंकि कृत्रिम सिंचाई उनके जेब पर बहुत भारी पड़ती है।जाने माने कृषि वैज्ञानिक और भारत सरकार के कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ एसएस जोहल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इस समय की बारिश रबी की फसलों के लिए दोहरा लाभ पहुंचाएगी। 

उनके मुताबिक जमीन की सिंचाई के साथ साथ इस समय नम वातावरण की भी जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि थोड़ी और बारिश होने से कृषि उत्पाद पर बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा। पंजाब में रबी की प्रमुख फसलें गेहूं और सूरजमुखी हैं।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के प्रवक्ता ने कहा कि सितंबर के बाद इस मौसम में अगर निश्चित अंतराल पर लगातार बारिश की  फुहारें पड़ती रहें तो खेती को बहुत फायदा होता है। उन्होंने कहा कि इस साल सरसों की खेती बहुत बढ़िया होगी क्योंकि जाड़े में तापमान इसके अनुकूल रहा।
इसके साथ ही गेहूं का उत्पादन भी बेहतर रहने का अनुमान है। हालांकि उन्होंने कहा कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में बारिश के साथ चली हवाओं की वजह से फसलें गिर गई हैं। लेकिन इससे हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी, क्योंकि जलवायु बेहतर रहने से फसल की उत्पादकता बढ़िया रहने की उम्मीद है।
हरियाणा में गेहूं की डब्ल्यू एच 711 और डब्ल्यू एच 343 किस्में उगाई जाती हैं। हरियाणा में रबी की प्रमुख फसलें गेहूं, सरसों और चना हैं। इस इलाके में किसानों के लिए असमय बारिश, बिजली की आपूर्ति वाधित होना प्रमुख समस्या होती है।
सरकार के सभी दावों के बाद भी किसानों को अच्छी फसल के लिए बारिश पर ही निर्भर रहना पडता है। अगर मानसून बढ़िया रहता है तो मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

First Published - February 11, 2009 | 10:15 PM IST

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