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Currency depreciation: डॉलर के मुकाबले रुपया 83.66 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर

मंगलवार को रुपया 83.58 प्रति डॉलर पर पर बंद हुआ था। मुद्रा बाजार बुधवार को मुहर्रम की वजह से बंद था।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- July 18, 2024 | 10:57 PM IST

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर बंदी के नए निचले स्तर 83.66 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। डीलरों ने गुरुवार को हुई इस गिरावट की वजह डॉलर सूचकांक की मजबूती और कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी बताई है। रुपया इसके पहले 20 जून को एक दिन के रिकॉर्ड निचले स्तर 83.67 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंचा था।

इसके पहले का बंदी का निचला स्तर भी उसी दिन का 83.65 रुपये प्रति डॉलर का है। मंगलवार को रुपया 83.58 प्रति डॉलर पर पर बंद हुआ था। मुद्रा बाजार बुधवार को मुहर्रम की वजह से बंद था।

एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनॉलिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘अस्थिरता और वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं के कारण रुपया 8 पैसे कमजोर होकर 83.66 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

भारत के बाजारों में कुल मिलाकर सकारात्मक धारणा के बावजूद अमेरिका और चीन के व्यापार में अनिश्चितता के कारण रुपया कमजोर हुआ है। ट्रंप के फिर से चुनकर सत्ता में आने की संभावना के बीच इसमें फिर बढ़ोतरी हो सकती है। बहरहाल रिजर्व बैंक के मानकों और हस्तक्षेपों के कारण रुपया स्थिर बना हुआ है।

अभी सबकी नजरें केंद्रीय बजट पर टिकी हुई हैं। व्यय और आय के आंकड़ों से रुपये में एक बार फिर उतार चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है।’डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 103.83 पर कारोबार कर रहा था। इससे 6 मुद्राओं के बॉस्केट में डॉलर की मजबूती का पता चलता है।

एक बड़े सरकारी बैंक से जुड़े डीलर ने कहा, ‘कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आयातक डॉलर खरीद रहे थे। अगला पड़ाव 83.72 रुपये प्रति डॉलर का हो सकता है।’ बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर की बिकवाली करके विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, इसकी वजह से रुपये में और गिरावट को रोका जा सका।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक और कोषागार के प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘डॉलर और रुपये के कारोबार में करीब रोज ही तेल कंपनियों की ओर से या सरकार के ऋण भुगतान या रक्षा या एफपीआई की ओर से मांग आ रही है। आज रक्षा सौदा प्रमुख था, जिसकी वजह से तेजी आई।

रिजर्व बैंक ने 83.60 रुपये प्रति डॉलर पर हस्तक्षेप किया और बाद में 83.66 रुपये प्रति डॉलर पर हस्तक्षेप किया। करीब 50 करोड़ का हस्तक्षेप हुआ, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था।’चालू वित्त वर्ष के दौरान रुपये में 0.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान 0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

First Published : July 18, 2024 | 10:57 PM IST