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Cumin: रिकॉर्ड भाव छूने के बाद नरम पड़ा जीरा, मुनाफावसूली बड़ी वजह

Published by
रामवीर सिंह गुर्जर
Last Updated- April 26, 2023 | 3:29 PM IST

जीरा के भाव रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद अब नरम पड़ गए हैं। इसकी वजह मुनाफावसूली मानी जा रही है। ऊंचे भाव पर जीरा की बिकवाली से इसके दाम गिरने लगे हैं। हालांकि जानकारों के मुताबिक जीरा की कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार नहीं दिख रहे हैं क्योंकि इस साल उत्पादन काफी कम है।

सर्वोच्च स्तर छूने के बाद 6 फीसदी टूटा जीरा

कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX में इस माह 13 अप्रैल को जीरा का मई कॉन्ट्रैक्ट 42,440 रुपये प्रति क्विंटल के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के लिए जीरा की बिकवाली शुरू हुई। जिससे जीरा के वायदा भाव गिरने लगे हैं। एनसीडीईएक्स पर जीरा मई कॉन्ट्रैक्ट ने आज खबर लिखे जाने के समय दिन का 39,650 रुपये क्विंटल का निचला स्तर छू लिया। इस तरह जीरा का वायदा भाव सर्वोच्च स्तर छूने के बाद करीब 6 फीसदी टूट चुके हैं। इस माह जीरा की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में इसके अधिकतम हाजिर भाव 10 अप्रैल को 45,000 रुपये तक चले गए थे, जो अब घटकर 41 हजार रुपये क्विंटल पर आ गए हैं। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि जीरा के वायदा भाव काफी बढ गए थे। इसलिए अब इसके कारोबार में मुनाफावसूली देखी जा रही है और भाव गिर रहे हैं। जिंस विश्लेषक और एग्रीटेक कंपनी green agrevolution pvt ltd में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि ऊंचे भाव पर जीरा की खरीदारी कमजोर पड गई थी। इसलिए अब बिकवाली के दबाव में इसकी कीमतें सुस्त पड़ी हैं।

आगे बड़ी गिरावट की संभावना नहीं

गुप्ता ने कहा कि जीरा के कारोबार में फंडामेंटल अभी भी मजबूत हैं। इसलिए आगे जीरा की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं दिख रही है। भाव वर्तमान दायरे में बने रहने की उम्मीद है। पॉल कहते हैं कि जीरा का उत्पादन पिछले साल से काफी कम है। पिछले साल उत्पादन 6.29 लाख टन था। इस साल यह घटकर 3.8 से 4 लाख टन रह सकता है। उत्पादन घटने से बाजार में जीरा की आपूर्ति कमजोर है। इसलिए आगे जीरा की कीमत बहुत ज्यादा घटने के आसार नहीं है। जीरा के वायदा भाव शॉर्ट टर्म में 38 से 40 हजार रुपये क्विंटल के दायरे में रह सकते हैं।

First Published : April 26, 2023 | 3:29 PM IST