विश्व भर में आर्थिक मंदी के बीच कच्चे तेल की मांग घटने और डॉलर में मजबूती के रुख से कच्चे तेल की कीमत छह महीने के निम्न स्तर 98 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गईं।
विश्लेषकों ने कहा कि चक्रवात के दक्षिणी अमेरिकी तट की तरफ बढ़ने और ओपेक द्वारा तेल उत्पादन घटाने की खबरों से दिन की शुरुआत में तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई थी। अक्टूबर डिलिवरी के लिए ब्रेंट नार्थ सी क्रूड का भाव घटकर 97.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। कीमत का यह स्तर पांच मार्च से निम्नतम है।
हालांकि बाद में कीमत सुधरकर 98.22 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। उधर, न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में अक्टूबर डिलिवरी के लिए लाइट स्वीट क्रूड का भाव 93 सेंट लुढ़ककर 101.65 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। डीलरों का कहना है कि डॉलर की मजबूती से विदेशी खरीदारों के लिए तेल महंगा हो गया, जिससे मांग घट गई।
यूरोपीय अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका से एक साल में पहली बार डालर के मुकाबले यूरो का भाव लुढ़ककर 1.39 डॉलर से नीचे आ गया। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी लाने में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट का भी अहम योगदान रहा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की मांग में इस साल एक लाख बैरल प्रतिदिन की गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया गया है।