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Central Banks Gold Buying ! चीन के सेंट्रल बैंक ने लगातार 5वें महीने मार्च में खरीदा सोना लेकिन इस देश ने सबको छोड़ा पीछे

चीन के कुल फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर रिकॉर्ड 6.5 फीसदी पर पहुंच गई है।

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अजीत कुमार   
Last Updated- April 08, 2025 | 8:54 PM IST

Central Banks Gold Buying March 2025: सोने की कीमतों (gold prices) को लेकर फिर चीन से खुशखबरी आई है। चीन के सेंट्रल बैंक ने मार्च  में लगातार पांचवें  महीने सोने की खरीदारी की। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) के मुताबिक उसकी तरफ से मार्च में 3 टन (0.09 मिलियन औंस) सोने की खरीद की गई। छह महीने के ब्रेक के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) ने लगातार पांचवें महीने ( नवंबर 2024 से लेकर मार्च 2025 तक) गोल्ड खरीदा है। मौजूदा कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों के दौरान चीन के गोल्ड रिजर्व में 13 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 2,292 टन पर पहुंच गया है।

यूएस डॉलर (US Dollar) में देखें तो चीन के कुल फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर रिकॉर्ड 6.5 फीसदी पर पहुंच गई है। फरवरी 2025  तक यह हिस्सेदारी 6 फीसदी जबकि ठीक एक साल पहले मार्च 2024 तक 4.6 फीसदी थी। इस तरह से देखें तो एक साल में चीन के फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी में 2 फीसदी का इजाफा हुआ है। नवंबर 2024 से पहले छह महीने तक लगातार चीन के गोल्ड रिजर्व में कोई बढोतरी नहीं दर्ज की गई थी। जबकि चीन के गोल्ड रिजर्व में पिछले साल अप्रैल में लगातार 18 वें महीने इजाफा देखा गया था। अप्रैल के दौरान चीन का गोल्ड रिजर्व 2 टन बढ़कर 2,264 टन पर पहुंच गया था।

चीन के गोल्ड रिजर्व में 2024 और 2023 के दौरान क्रमश 44 टन और 225 टन की वृद्धि हुई ।

जानकारों के अनुसार यदि ट्रंप की नीतियों की वजह से चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर टकराहट और बढ़ती है तो शायद चीन का केंद्रीय बैंक सोने की खरीद में और तेजी लाए। इस बात की गुंजाइश इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि चीन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी अभी भी 7 फीसदी के नीचे है। जबकि भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 11 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है। जानकार मानते हैं के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन गोल्ड की हिस्सेदारी को कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ाना चाहेगा।

पोलैंड के केंद्रीय बैंक ने सबको पीछे छोड़ा

लेकिन खरीदारी के मामले में पोलैंड के केंद्रीय बैंक नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड (NBP) ने सबको पीछे छोड़ दिया। पोलैंड के सेंट्रल बैंक की तरफ से मार्च में लगातार 12वें महीने सोने की नेट खरीदारी की गई। नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड ने इस दौरान 16 टन सोना खरीदा। फरवरी के दौरान भी नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड खरीदारी के मामले में सबसे आगे था और उसकी तरफ से 29 टन सोने की खरीद की गई। मौजूदा कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों के दौरान पोलैंड का गोल्ड रिजर्व 49 टन बढ़कर 496 टन पर पहुंच गया जो उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का 20 फीसदी से ज्यादा है। इस तरह से साल के पहले 3 महीने के दौरान ही पोलैंड के सेंट्रल बैंक ने 2024 की कुल खरीद का 54 फीसदी सोना खरीद लिया है। पिछले कैलेंडर ईयर यानी 2024 के दौरान पोलैंड के केंद्रीय बैंक ने 90 टन सोना खरीदा और इस मामले में अग्रणी रहा था।

उज्बेकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने सोना बेचा

हालांकि पिछले महीने कुछ देशों के केंद्रीय बैंकों ने सोने की बढ़ती कीमतों  का फायदा उठाने के लिए गोल्ड की बिक्री से भी परहेज नहीं किया।  उज्बेकिस्तान का केंद्रीय बैंक इस मामले में सबसे अव्वल रहा। उज्बेकिस्तान के सेंट्रल बैंक (Central Bank of Uzbekistan) ने मार्च के दौरान 11 टन सोना बेचा। उसने फरवरी के दौरान भी 12 टन सोना बेचा था। इस साल के पहले तीन महीने के दौरान उज्बेकिस्तान का गोल्ड रिजर्व 15 टन घटकर 368 टन पर आ गया ।

क्या आरबीबाई ने भी मार्च में सोना खरीदा?

भारत को लेकर मार्च के आंकड़े अभी तक नहीं आए हैं।  इससे पहले सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बीच आरबीआई (RBI) ने फरवरी के दौरान सोने की खरीद से परहेज किया । साल की शुरुआत यानी जनवरी में आरबीआई ने 2.8 टन सोना खरीदा था । जबकि बीते साल दिसंबर में लगातार 11 महीने की खरीद के बाद केंद्रीय बैंक ने खरीदारी से अपने हाथ खींचे थे।

केंद्रीय बैंक के अनुसार देश के गोल्ड रिजर्व में फरवरी के दौरान कोई बदलाव नहीं आया और यह जनवरी के लेवल यानी 879.01 टन पर बना रहा लेकिन कीमतों में शानदार तेजी के दम पर आरबीआई के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में इस बेशकीमती धातु की हिस्सेदारी बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 11.5 फीसदी पर पहुंच गई। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले यह तकरीबन 4 फीसदी ज्यादा है। 1 मार्च 2024 को देश का कुल गोल्ड रिजर्व 816.99 टन था और उस समय फॉरेक्स रिजर्व में उसकी हिस्सेदारी महज 7.74 फीसदी थी।

पिछले साल जनवरी से आरबीआई लगातार अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहा है। दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 को छोड़ दें तो बाकी 12 महीनों के दौरान आरबीआई ने औसतन 6.3 टन सोना खरीदा।

क्यों सेंट्रल बैंक खरीद रहे सोना ?

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सर्वे (2024 Central Bank Gold Reserves (CBGR) survey) बताते हैं कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से खरीदारी की सबसे बड़ी वजह लॉन्ग टर्म स्टोर ऑफ वैल्यू यानी इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर सोने की भूमिका है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह इस कीमती धातु का संकट के दौर में प्रदर्शन है। तीसरी वजह पोर्टफोलियो को प्रभावी रूप से डायवर्सिफाई करने में सोने की भूमिका जबकि चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम रहित होना है। जबकि पांचवीं वजह सोने का ऐतिहासिक महत्व (Historical Position) है।

 

 

First Published : April 8, 2025 | 3:34 PM IST