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मंदी में भी बरकरार सीमेंट क्षेत्र का जलवा

Last Updated- December 10, 2022 | 12:46 AM IST

निर्माण क्षेत्र में मंदी के बावजूद घरेलू सीमेंट उद्योग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अप्रैल-जनवरी के दौरान इस उद्योग में 7.56 प्रतिशत की जोरदार बढ़त हुई है। 

इसकी प्रमुख वजह यह रही कि इस दौरान व्यक्तिगत मकानों के निर्माण, कामनवेल्थ खेलों से जुड़े निर्माण कार्य जोरदार तरीके से जारी हैं।
यह विकास दर अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.1 प्रतिशत से बेहतरीन है, जो चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमान किया गया है। जनवरी महीने में तो विकास दर 8.25 प्रतिशत रही है, जो अप्रैल जनवरी के औसत से भी बेहतर है।
सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएमए) के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जनवरी माह के दौरान कुल लदान 14.682 करोड़ टन रही (पिछले साल इन्ही महीनों के दौरान कुल लदान 13.649 करोड़  टन रही थी)। जनवरी महीने में कुल लदान 1.613 करोड़ टन रहा, जबकि पिछले साल जनवरी में कुल लदान 1.49 करोड़ टन रहा।
अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक एएल कपूर ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि विकास दर 10 प्रतिशत रहेगी। बहरहाल रियल्टी क्षेत्र में खपत बहुत कम हो रही है, जहां नकदी की कमी है। 

वर्तमान वृध्दि दर जो नजर आ रही है, निजी स्तर पर चल रहे निर्माण कार्यों, और अन्य निर्माण की वजह से है। सरकार ने तमाम आधारभूत ढांचा परियोजनाओं की घोषणा की है। जब इन परियोजनाओं का काम जोर पकड़ेगा तो अतिरिक्त मांग बढ़ेगी।’
श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक और सीएमए के अध्यक्ष एचएम बांगुर ने कहा, ‘मंदी की वजह से निर्माण कार्यों में आई कमी मुख्य रूप से महानगरों में ही नजर आ रही है, जहां बड़े पैमाने पर बिल्डर काम करते थे।
बहरहाल, छोटे शहरों और कस्बों में जमीन की कीमतें कम होने की वजह से वहां पर व्यक्तिगत स्तर पर निर्माण कार्य हो रहे हैं।’ बांगुर ने कहा कि अगर जीडीपी विकास दर अगले साल 6 प्रतिशत भी रहती है तो सीमेंट की मांग में 7 प्रतिशत की बढ़त जारी रहेगी।
घरेलू सीमेंट परिदृष्य पर दी गई अपनी रिपोर्ट में आईसीआरए ने कहा है, ‘वित्त वर्ष में आशा के विपरीत मंदी रहने के बावजूद, सीमेंट क्षेत्र के उत्पादन में मजबूती बनी रहेगी और उत्पादन और खपत मध्य काल में 9 प्रतिशत रहेगी। साथ ही निर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी। सड़क और हाउसिंग परियोजनाओं को देखते हुए भविष्य में मांग बढ़ने का अनुमान है।’
हाउसिंग क्षेत्र में (जहां कुल मांग का 50 प्रतिशत खपत होता है) मांग जारी रहेगी, जो सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2007-12 के 5 साल के दौरान नई परियोजनाओं पर ग्रामीण इलाकों में 4.74 करोड़ टन और शहरी इलाकों में 2.65 करोड़ टन सीमेंट की खपत होगी।

First Published - February 11, 2009 | 10:13 PM IST

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