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आम की बागवानी के लिए फायदे की बूंदें

Last Updated- December 10, 2022 | 12:46 AM IST

लगातार गरमाते मौसम के बीच मंगलवार को हुई अचानक तेज बारिश ने किसानों को मिश्रित खुशी दी है। तेज बौछार के हुई बारिश के बाद उत्तर प्रदेश की मैंगो बेल्ट कहे जाने वाले मलिहाबाद में किसानों के चेहरों पर खुशी है।
उनका कहना है कि बारिश के बाद तापमान में जो गिरावट आई है उससे फसल को फायदा होगा। वहीं आलू किसानों में खासकर पछैती फसल बोने वालों को घाटा हो रहा है। आम किसानों का कहना है कि इस बार मौसम के रुख के चलते फसल बरबाद हो रही थी।
उनका कहना है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह से लेकर फरवरी अब तक जो तापमान बढ़ रहा था उसके चलते करीब 30 फीसदी पेड़ों में समय से पहले बौर आ गयी थी जो कि फसल को खत्म कर दे रही थी।
उत्तर पदेश नर्सरी संघ के अध्यक्ष एस एस सिंह का कहना है कि आम के पेड़ों में समय से पहले ही गरमी के चलते बौर आ गए थे जो कि अप्रैल महीने तक फसल को खराब कर देते। मलिहाबाद क्षेत्र में तापमान बढ़ने से फसल खराब होने का खतरा काफी बढ़ गया था।
सिंह का कहना है कि बारिश हो जाने से आम की फसल को खासा फायदा हो गया है क्योंकि ताजी आ रही बौर साफ हो गयी है। इसके अलावा जिन पेड़ों में नई बौर लगनी शुरु हो गयी थीं, उन्हें भी फायदा हुआ है। 

मलिहाबाद के एक और किसान अखिलेश सिंह का कहना है कि आलू को और फूल वाले पौधों जैसे सरसों और मटर को जरूर नुकसान हो गया है पर गेहूं के लिए तो यह बारिश वरदान साबित हो गयी है।
कृषि वैज्ञानिक सुशील कुमार सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल में बाली को ठीक तरह से तैयार होने के लिए अभी कम से कम 15 से 20 दिन तक दिन के तापमान में कमी के साथ ही वातावरण में नमी की जरुरत थी जिसे इस बारिश ने काफी हद तक पूरा किया है।

First Published - February 11, 2009 | 10:17 PM IST

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