उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2008-09 सीजन के लिए गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) में रेकॉर्ड बढ़ोतरी करने के बाद सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश शुगर कॉरपोरेशन के 33 मिलों के निजीकरण पर लगी रोक अगले महीने की 28 तारीख तक बढ़ा दी है।
महाराजगंज के राजीव कुमार मिश्रा की ओर से जारी एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विनीत सरन ने सुनवाई को 28 नवंबर तक टालने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया है कि सुनवाई पूरी होने से पहले इन मिलों पर तीसरे पक्ष का कोई अधिकार नहीं बनेगा।
सोमवार को याचिकाकर्ता और राज्य सरकार दोनों ने न्यायालय से मामले को सुलझाने का आग्रह किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इन मिलों को केंद्र और राज्य के नियम-कायदों का उल्लंघन करते हुए बेचा है लिहाजा बिक्री के अनुबंध को रद्द कर दिया जाए।
राज्य सरकार ने 29 सितंबर 2008 को बिक्री का फैसला लिया था। इसके बाद 13 अक्टूबर को याचिकाकर्ता ने न्यायालय में यह याचिका दायर की। राज्य सरकार ने मिलों ने अपनी हिस्सेदारी बेची है। राज्य सरकार का कहना है कि उसने मिलों की क्षमता बढ़ाने के लिए इनका निजीकरण कर रही है।
गैमन इंडिया, उफ्लेक्स और चङ्ढा समूह ने मिलों की बिक्री के लिए निविदा जमा की है जिसे 30 सितंबर को खोला गया था। इससे पहले 12 सितंबर को हुई सुनवाई में न्यायालय ने बोली में मायावत्ती के नाम को लेकर आपत्ति जाहिर की थी।