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बजट की ओट निशाने पर वोट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 12:11 AM IST

आर्थिक मंदी में रोजगार के घटते अवसर और नौकरियों पर लटकी तलवार सरकार को भी परेशान करती नजर आ रही है।
चुनावी साल होने की वजह से यह ज्यादा अहम दिक्कत है। यही वजह है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की ओर से 16 फरवरी को लोकसभा में पेश होने वाले अंतरिम बजट में मुख्य रूप से रोजगार की संभावनाओं को विकसित करने पर जोर रहेगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय संभाल रहे प्रणव मुखर्जी संप्रग सरकार की ओर से जो अंतरिम बजट पेश करेंगे, उसमें केवल सरकार का लेखा-जोखा ही शामिल नहीं होगा, बल्कि उसमें नीतिगत फैसलों को भी शामिल किया जा सकता है।
केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि अंतरिम बजट में सरकार नीतिगत निर्णयों को शामिल कर सकती है और इस पर किसी तरह का संवैधानिक रोक नहीं है।
सूत्रों ने संकेत दिए कि अंतरिम बजट में कृषि, स्वास्थ्य, मानव संसाधन और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालयों को भारी-भरकम राशि मिल सकती है। दरअसल, आगामी चुनावों को देखते हुए ही इन पर ध्यान देने की योजना बन रही है।
रेलमंत्री लालू प्रसाद भी 13 फरवरी को अंतरिम रेल बजट पेश करते हुए आम लोगों का पूरा ध्यान रखेंगे। देश के विभिन्न हिस्सों के लिए नई रेलगाड़ियों को शुरू करने की घोषणा भी उनकी ओर से की जा सकती है।
अंतरिम बजट में ग्रामीण इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण और उसके बाद नौकरी देने पर अधिक धन खर्चने की बात कही जा सकती है।
अंतरिम बजट की झांकी
12 फरवरी : राष्ट्रपति संयुक्त रूप से संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी
13 फरवरी : अंतरिम रेलवे बजट पेश होगा
16 फरवरी : अंतरिम आम बजट

First Published : February 6, 2009 | 2:15 PM IST