वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर अधिभार 15 प्रतिशत के स्तर पर सीमित कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे अधिक शुद्ध-संपत्ति वाले व्यक्तियों, उद्यम पूंजी फर्मों द्वारा स्टार्टअप में और अधिक प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा शीर्ष प्रतिभाओं को पुरस्कृत करने के लिए स्टार्टअप द्वारा ईसॉप (कर्मचारी स्टॉक विकल्प) के उपयोग में इजाफा होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है ‘सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इकाइयों आदि पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभों पर 15 प्रतिशत का अधिकतम अधिभार देय होता है, जबकि अन्य दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ श्रेणीबद्ध अधिभार के अधीन होता है, जो 37 प्रतिशत तक चला जाता है। मैं किसी भी प्रकार की परिसंपत्तियों के हस्तांतरण से उत्पन्न दीर्घकालिक पूंजीगत लाभों पर अधिभार को 15 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक निर्धारित करने का प्रस्ताव करती हूं।’
कराधान संबंधी विशेषज्ञों ने कहा कि इस कदम का असर व्यक्तिगत निवेशकों और किसी कंपनी के शेयर रखने वाले स्टार्टअप कर्मचारियों पर अधिक होगा तथा उद्यम पूंजी फर्मों और स्टार्टअप में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए असर कम रहेगा।
प्रबंधन परामर्श फर्म बीडीओ इंडिया के एसोसिएट पार्टनर हैरी पारिख ने कहा कि अगर आप गणित करें, तो यह बताता है कि बचत की मात्रा पर्याप्त हो सकती है। मान लीजिए कि पांच करोड़ रुपये का एलटीसीजी था, तो वर्तमान में प्रभावी दर 28.50 प्रतिशत होती है। अब यह घटकर 23.92 प्रतिशत रह गई है।
वीसी फर्म 3वन4 कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर सिद्धार्थ पाई ने कहा कि 25 से 37 प्रतिशत अधिभार का दायरा कुछ बजट पहले पेश किया गया था। आज घोषित किए गए बदलाव से स्टार्टअप के संस्थापकों, कर्मचारियों और घरेलू वीसी को गैर-सूचीबद्ध शेयर बेचने में मदद मिलेगी, जिससे बदले में और अधिक निवेश का अच्छा चक्र स्थापित होगा।
उन्होंने कहा कि ईसॉप धारकों के लिए यह बदलाव सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के बीच कर समानता कीलंबे समय से अपेक्षित मांग की दिशा में एक कदम है। प्रतिभा को आकर्षित करने और बनाए रखने के उपाय के तौर पर इससे ईसॉप को बढ़ावा मिलेगा और भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में रुपये की पूंजी भागीदारी में इजाफा होगा।
केंद्रीय बजट 2022-23 में स्टार्टअप क्षेत्र को दिया गया एक अन्य कराधान लाभ यह है कि कर प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि ऐसा नहीं लगता है कि कर प्रोत्साहन के वर्तमान ढांचे के साथ मौजूद मसलों पर अब तक ध्यान दिया गया हो।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है ’31 मार्च, 2022 से पहले स्थापित पात्र स्टार्टअप को निगमन के दस वर्षों में से लगातार तीन वर्षों के लिए कर प्रोत्साहन दिया गया था। कोविड महामारी के मद्देनजर मैं ऐसा कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए पात्र स्टार्टअप के निगमन की अवधि एक और वर्ष यानी 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं।’