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लालू प्रसाद बोले…

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 1:01 AM IST

आपने पांच बार रेल बजट पेश किया है। आपको अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि अभी तक क्या लगती है?
भारतीय रेल का घाटे से उबरना। संप्रग सरकार के सत्ता में आने से पहले रेलवे सरकार को लाभ देने में विफल रहा है। उनके पास परिसंपत्तियों को पहले जैसे हाल पर लाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। 

लेकिन, मैंने देश का भरोसा हासिल किया है। आज भारतीय रेल ने अतिरिक्त लाभ अर्जित किया है। मुझे आम आदमी का आशीर्वाद भी मिला है। यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
लेकिन आर्थिक मंदी रेलवे के विकास को किस प्रकार प्रभावित करेगी?
हम इससे पहले ही प्रभावित हैं। अगर आर्थिक मंदी नहीं होती तो पांच सालों में हम एक लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित कर पाते। अकेले इस साल हमें लगभग 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व का घाटा होगा। दिसंबर और जनवरी के दौरान मंदी ने मालभाड़े से प्राप्त होने वाली आय को बुरी तरह प्रभावित किया है। लेकिन अब स्थितियों में थोड़ा सुधार हुआ है।
मंदी का सामना करने के लिए आपने मालभाड़ा दरों में कटौती क्यों नहीं की?
कोई प्रॉब्लम नहीं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। जैसे ही ये संपन्न होते हैं, सड़क मार्ग से ढोए जाने वाले सामान हमारे पास आ जाएंगे। सड़क मार्ग से ढोए जाने वाले सामान का 60 प्रतिशत रेलवे के पास आ जाएगा।
आप सवारी के किरायों को थोड़ा और घटा कर डीजल के मूल्य कम होने का पूरा लाभ सवारियों को दे सकते थे। 

अपने पूरे कार्यकाल में मैंने 50 किलोमीटर से कम दूरी के लिए दूसरे दर्जे की टिकटों की कीमत में 4 रुपये की कमी की है। 50 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए किरायों में सात फीसदी की कमी की गई है।
वातानुकूलित तृतीय दर्जे के किरायों में 30 प्रतिशत की कमी की गई है जबकि वातानुकूलित दूसरे दर्जे का किराया 20 प्रतिशत घटाया गया है। इस बजट में भी मैंने किराया भाड़ा घटाया है। मैं दावा करता हूं कि अगर मेरी जगह कोई और होता तो किरायों में बढ़ोतरी हुई होती।
लागत बढ़ने के बावजूद किराये घटाए गए हैं। जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे तो उन्होंने रेल के खाने पर सेवा कर लगाया था। मैंने उनसे ऐसा नहीं करने को कहा। कई लोग खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ाने का सुझाव दे रहे थे।
मैं ऐसा कैसे कर सकता था? मैंने ठेकेदारों को मेन्यू को पुनर्व्यवस्थित करने को कहा। वे आलू चिप्स और बिस्कुट जैसी चीजें (ब्रेडस्टिक) सूप के साथ दिया करते थे। मैंने उनसे कहा कि ये आलतू-फालतू सब हटाओ। सब्जी दाल दो। मैं बिहार से हूं। मुझे पता है कि सब्जी और दाल का पोषण मूल्य क्या है। अब आप देख सकते हैं कि गुणवत्ता बरकरार रखी गई है।
क्या आप समय पर फ्रेट कॉरिडोर पूरा करने में सक्षम होंगे?
बिल्कुल। हम पीछे नहीं हैं और निर्धारित समय में काम की शुरुआत हो चुकी है। हमारे पास निवेश के लिए पैसे हैं। विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ हमारी बातचीत हो चुकी है। पहले चरण को पूरा करने के बाद, दूसरे चरण में  मुंबई से चेन्नई और चेन्नई को कोलकाता से जोड़ने का काम करेंगे।
सुरक्षा अभी भी महत्वपूर्ण मसला है…
हां। हम इसे सबसे अधिक महत्व दे रहे हैं। मैं आपको बताऊं कि हर सामान की जांच करना संभव नहीं है। अगर सुरक्षा गार्ड सभी सवारियों को अपना सामान दिखाने को कहे तो लोग लड़ना शुरू कर देंगे। इसलिए हम खोजी कुत्ते का इस्तेमाल करे रहे हैं और गृह मंत्रालय के साथ मशविरा कर एक्स-रे मशीन लगवा रहे हैं।
कोई ऐसी चीज जो अधूरी रह गई हो?

सब कर दिया , सब कर दिया।

First Published : February 13, 2009 | 10:24 PM IST