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Budget 2025: राज्यों को टैक्स के रूप में ₹22, ब्याज ₹20, केंद्रीय योजनाओं में ₹16; अगर सरकार ₹100 कमाती है तो कहां कितना खर्च करती है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कई नई घोषणाएं की।

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ऋषभ राज   
Last Updated- February 01, 2025 | 6:21 PM IST

Union Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट था। इस बार का सबसे बड़ा ऐलान इनमक टैक्स व्यवस्था में बदलाव का रहा। अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। इस बदलाव से मध्यम वर्ग खासकर वेतनभोगी वर्ग को राहत मिलेगी और बचत, खर्च व निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, वेतनभोगी लोगों को 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलेगा, जिससे कुल 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो जाएगी। इससे लोगों की खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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Budget 2025: सरकार को पैसा कहां से मिलेगा?

मान लीजिए सरकार इस वित्त वर्ष में 100 रुपए कमाएगी तो सरकार की आय के स्रोत ये होने वाले हैं:

  • उधार और अन्य देनदारियां : 24%
  • आयकर : 22%
  • GST और अन्य अप्रत्यक्ष कर : 18%
  • कॉरपोरेट टैक्स : 17%
  • अन्य स्रोत जैसे गैर-कर राजस्व, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और गैर-ऋण पूंजी प्राप्ति मिलाकर बाकी हिस्सा बनाते हैं।

Budget 2025: सरकार पैसा कहां खर्च करेगी?

अगर सरकार के पास कुल 100 रुपए है तो वह आय का सबसे बड़ा हिस्सा इन जगहों पर खर्च करेगी:

  • राज्यों को टैक्स और शुल्क में हिस्सा : 22%
  • ब्याज भुगतान : 20%
  • केंद्रीय योजनाएं: 16%
  • रक्षा, वित्त आयोग अनुदान, सेंट्रल स्पॉनर्सर्ड और सब्सिडी पर भी महत्वपूर्ण खर्च होता है।
  • पेंशन और अन्य खर्च बाकी हिस्से में शामिल होते हैं।

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पिछले बजट (2024-25) से यह कैसे अलग है?

  • पिछले साल, सरकार को 27% आय उधार और देनदारियों से मिली थी, जबकि इस बार यह घटकर 24% रह गई।
  • आयकर का हिस्सा 19% से बढ़कर 22% हो गया।
  • GST का हिस्सा 18% पर स्थिर रहा।
  • कॉरपोरेट टैक्स का योगदान 17% पर समान बना रहा।
  • राज्यों के टैक्स में हिस्सेदारी 21% से बढ़कर 22% हो गई।
  • ब्याज भुगतान 19% से बढ़कर 20% हो गया, जो सरकार के कर्ज की जिम्मेदारियों को दिखाता है।

बजट 2025 दिखाता है कि सरकार अब कम कर्ज लेकर, टैक्स से ज्यादा राजस्व जुटाने की कोशिश कर रही है। खर्च के मामले में, राज्यों को अधिक फंड मिला है और सरकार वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही है। साथ ही, कल्याणकारी योजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा क्षेत्र के लिए जरूरी फंडिंग भी बनाए रखी गई है।

First Published : February 1, 2025 | 6:19 PM IST