केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर रही हैं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने चुनावी राज्य बिहार के लिए कई बड़े ऐलान किए। वित्त मंत्री ने बिहार के लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की। मखाना बोर्ड बनाने से छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। बता दें कि बिहार दुनियाभर में मखाना उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
इसके अलावा देश में IIT के और विस्तार करने की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार IIT पटना का विस्तार करेगी और वहां सुविधाएं बढ़ाएगी। इसके अलावा बिहार में 3 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। हालांकि, ये ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट कहां बनाए जाएंगे, वित्त मंत्री ने इसकी जानकारी नहीं दी है। साथ ही पटना, बिहटा एयरपोर्ट की क्षमता को बढ़ाने के लिए अलग काम किया जाएगा।
इसके अलावा सीतारमण ने बजट में बिहार के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट की स्थापना करने का ऐलान किया। इससे इलाके में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा मिलने की बात कही गई है।
बाढ़ से प्रभावित उत्तर बिहार के लिए वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पश्चिमी कोसी नहर (वेस्टर्न कोसी कैनाल) के निर्माण की घोषणा कर दी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे मिथिलांचल क्षेत्र में के लाखों लोगों के साथ 50 हजार हेक्टेयर से अधिक खेती की जमीन को लाभ मिलेगा।
बता दें कि इस साल नवंबर-दिसंबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अभी बिहार में एनडीए की साझा सरकार है।
बजट भाषण की शुरुआत में ही वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कई बड़ी घोषनाएं कीं। वित्त मंत्री ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की। यह योजना 100 जिलों को कवर करेगी। इसका उद्देश्य- फसल विविधीकरण, भंडारण बढ़ाना, सिंचाई में सुधार और किसानों के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करना है।
पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को इसमें शामिल किया जाएगा। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय तेल मिशन संचालित किया जा रहा है। 10 साल पहले किए गए प्रयासों से दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल हुई थी, जिससे किसानों की आय और आर्थिक क्षमता में सुधार हुआ।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, रोजगार, नवाचार, ऊर्जा आपूर्ति, खेल विकास और एमएसएमई का विस्तार देश की विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा हैं, जिसे सुधारों से गति मिलेगी। इस पहल से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण समृद्धि और सतत विकास राज्यों की भागीदारी से सुनिश्चित किया जाएगा। कौशल विकास और निवेश के जरिए कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नए विकल्प सृजित होंगे। इस योजना का फोकस युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं और छोटे किसानों पर होगा।