केंद्र सरकार 2025-26 के लिए बजट पेश करने की तैयारी में है, जिसे देखते हुए रियल एस्टेट क्षेत्र ने कई मांगें रखी हैं। रियल एस्टेट उद्योग ने स्टाम्प शुल्क में कटौती, होम लोन सीमा में बदलाव, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के माध्यम से सस्ते आवास के लिए अद्यतन मानक, एकल खिड़की मंजूरी, पर्यावरण के अनुकूल नीतियां आदि मांगें की हैं। उद्योग जगत के दिग्गजों और एनारॉक, रहेजा, गौर्स, कनोडिया ग्रुप, रीच, अर्बन स्पेस, जस्टो, इरोस ग्रुप ने बजट से अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं।
क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष और गौर्स ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज गौर ने कहा, ‘इस सेक्टर की प्रमुख मांगों में से एक स्टाम्प शुल्क को तार्किक बनाया जाना है। यह हाल के वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। इसकी वजह से खरीदारों पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ रहा है।
इसके अलावा 80 (सी) के तहत मौजूदा छूट सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जानी चाहिए, ताकि मकान खरीदने में आसानी हो।’ इसके अलावा गौर ने सस्ते आवास के मानदंड में बदलाव करने की भी मांग की है। रहेजा डेवलपर्स के वाइस प्रेसीडेंट (सेल्स) मोहित कालिया ने कहा, ‘वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की सरकार की योजना से जुड़ा हुआ है, इसे भी नीतिगत स्तर पर समर्थन देने की जरूरत है।