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तूत्तुक्कुडि में विनफास्ट के ईवी असेंबली संयंत्र का आगाज

संयंत्र में चरणबद्ध तरीके से 16,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। पहले चरण में 4,300 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

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शाइन जेकब   
Last Updated- August 04, 2025 | 11:11 PM IST

वियतनाम की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विनफास्ट ने आज तमिलनाडु के तूत्तुक्कुडि में अपने ईवी असेंबली संयंत्र की आधिकारिक शुरुआत की। संयंत्र में चरणबद्ध तरीके से 16,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। पहले चरण में 4,300 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

संयंत्र का उद्घाटन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने किया। विनफास्ट तमिलनाडु कंपनी का तीसरा सक्रिय संयंत्र है। यह उसके वैश्विक विनिर्माण नेटवर्क में पांचवीं परियोजना है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कंपनी तूत्तुक्कुडि को ‘दक्षिण एशिया की ईवी राजधानी’ और ईवी निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। स्टालिन ने कहा कि इस इकाई का निर्माण शिलान्यास समारोह की तारीख से 17 महीने की रिकार्ड अवधि में किया गया।

विनफास्ट एशिया के मुख्य कार्य अधिकारी फाम सान्ह चाउ ने कहा, ‘विनफास्ट तमिलनाडु संयंत्र भारतीय बाजार के प्रति हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता में रणनीतिक उपलब्धि का प्रतीक है। यह पर्यावरण के अनुकूल विकास के लिए मजबूत आधार स्थापित करता है और इससे हम भारतीय उपभोक्ताओं को अधिक गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले इलेक्ट्रिक वाहन मुहैया कराने की स्थिति में होंगे।’

अपने शुरुआती चरण में ‘विनफास्ट तमिलनाडु’ दो प्रीमियम इलेक्ट्रिक एसयूवी मॉडल – वीएफ 7 और वीएफ 6 की असेंबलिंग पर ध्यान देगा। संयंत्र की शुरुआती क्षमता प्रति वर्ष 50,000 वाहन है। लेकिन इसे बाजार की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष 1,50,000 वाहन तक बढ़ाया जा सकता है।

कंपनी ने बयान में कहा कि यह उपलब्धि विनफास्ट के वैश्विक विस्तार में बड़ा कदम है जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े वाहन बाजार के प्रति कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है और वैश्विक ईवी उद्योग के भविष्य में भारत की रणनीतिक भूमिका में विनफास्ट के विश्वास को बताती है।

तमिलनाडु को चुनने से पहले कंपनी ने कथित तौर पर छह भारतीय राज्यों में 15 स्थानों की समीक्षा की थी। राज्य के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने कहा, ‘इस निवेश से दक्षिण तमिलनाडु में पूरी तरह से नया औद्योगिक क्षेत्र बनेगा और भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के लिए और अधिक क्षेत्रों की आवश्यकता है।’

First Published : August 4, 2025 | 10:26 PM IST