कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया भारत में कार्बन तटस्थता में अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और सीएनजी जैसी अपनी कई प्रौद्योगिकियों को उपयोग करने की अपनी योजना पर कायम रहेगी। कंपनी मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक हिसाशी ताकेउची ने आज यह जानकारी दी है।
एनडीटीवी ऑटो कॉन्क्लेव में आयोजित एक पैनल विमर्श में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत में हमारे पास इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार को बढ़ाने का काफी बड़ा मौका है। भारत में हमें ईवी के लिए सरकार से काफी मदद मिली है। भले ही ईवी परिवेश अभी पूरी तरह स्थापित नहीं हुआ है मगर मजबूत इच्छाशक्ति के साथ हम ऐसा कर सकते हैं।’
भारत में इलेक्ट्रिक कार की पहुंच अभी शुरुआती चरण में ही है। अभी कुल कार बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की महज तीन फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष में जहां स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों की बिक्री में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है वहीं इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में नरमी आई है।
ताकेउची ने कहा, ‘हमारे मामले में हम कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सिर्फ ईवी पर निर्भर नहीं है। हमने तय किया है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए हम सभी संभावित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करेंगे। हम हाइब्रिड वाहन, सीएनजी वाली गाड़ियां, पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियां पेश करते रहंगे।’
मारुति सुजूकी ने अगले साल जनवरी में पहली इलेक्ट्रिक कार पेश करने की योजना बनाई है। सिर्फ मारुति सुजूकी ही नहीं बल्कि ह्युंडै और किया ने भी अगले साल भारत में पहली इलेक्ट्रिक कार पेश करने वाली है।
सारस्वत बैंक के साथ साझेदारी
देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड ने ग्राहकों को वाहन वित्तपोषण समाधान मुहैया कराने के लिए सारस्वत कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। मारुति ने बयान में कहा कि दोनों कंपनियों ने इस सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।