प्रतीकात्मक तस्वीर
वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान वाहन कंपनियां राजस्व में पांच से आठ प्रतिशत की तेजी दर्ज कर सकती हैं, जिसे नए मॉडलों की पेशकश, जनवरी में साल की शुरुआत की तेजी और गुड़ी पड़वा तथा होली जैसे त्योहारों से मदद मिलेगी। कई ब्रोकरेज कंपनियों के अनुसार एबिटा में पिछले साल की तुलना में चार से आठ प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। इसे धनात्मक ऑपरेटिंग लीवरेज और बेहतर उत्पाद मिश्रण से बढ़ावा मिल रहा है। अलबत्ता मार्जिन पर दबाव बना रहने की आशंका है, जिस पर कच्चे माल की बढ़ती लागत, ज्यादा छूट, विज्ञापन खर्च में वृद्धि तथा ऋणात्मक ऑपरेटिंग लीवरेज का असर पड़ेगा। हालांकि पिछले एक साल के दौरान लागू की गई मूल्य वृद्धि से इसकी आंशिक रूप से भरपाई हो जाएगी।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, ‘पिछले साल के दौरान की गई दाम बढ़ोतरी से अधिक छूट/विज्ञापन व्यय और ऋणात्मक ऑपरेटिंग लीवरेज की आंशिक रूप से भरपाई के कारण पिछले साल की तुलना में अपेक्षित एबिटा मार्जिन स्थिर बना हुआ है।’ इस बीच उम्मीद की जा रही है कि वाहनों के मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान पिछले साल की तुलना में करीब छह प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि दर्ज करेंगे। हालांकि अंतर्निहित मांग कमजोर रहने की आशंका है। कुछ ओईएम को होली और गुड़ी पड़वा जैसे क्षेत्रीय त्योहारों से फायदा होने की संभावना है, जो चुनिंदा बाजारों में वॉल्यूम में कुछ मदद प्रदान कर सकते हैं।
संभावना जताई जता रही है कि वाहन विनिर्माताओं पर अमेरिकी टैरिफ की आशंका का असर नहीं पड़ेगा। विश्लेषकों का मानना है कि पुर्जा विनिर्माता लागत के लिहाज से प्रतिस्पर्धी बने रहेंगे। विश्लेषक कम ब्याज दरों, कर कटौती और तेल की कीमतों में गिरावट जैसे संभावित अनुकूल परिस्थितियों पर भी प्रकाश डाल रहे हैं, जो मांग संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद कर सकती हैं। कमोडिटी की कीमतों में कमी से मार्जिन को समर्थन मिल सकता है, हालांकि छूट का दबाव आंशिक रूप से इस लाभ को कम कर सकता है। दमदार उत्पाद चक्र वाली कंपनियों से इस माहौल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।