लेखक : सुनीता नारायण

आज का अखबार, लेख

भारत कोयले के बिना नहीं चल सकता, लेकिन टेक्नोलॉजी और बायोमास से घट सकता है उत्सर्जन

जलवायु परिवर्तन और दुनिया के विकासशील देशों की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने की चुनौती के बीच एक बड़ा अहम सवाल यह है कि हम कोयले और उससे बनने वाली बिजली का क्या करें? तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस​ से नीचे रखने के लिए दुनिया का कार्बन बजट तेजी से खत्म हो रहा है, […]

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जाम से बेहाल शहर: सड़क चौड़ीकरण नहीं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट है असली समाधान

हमने अपने जीवन में यातायात जाम को सामान्य मान लिया है। हम खड़े रहते हैं, बैठते हैं, इंतजार करते हैं, गुस्सा होते हैं, कोसते हैं, झल्लाते हैं और निराश हो जाते हैं। जब तक हम अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं वास्तव में इतना थक चुके होते हैं कि लगता है मानो दिन शुरू होने से […]

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लोगों के लिए संकट बन रही वैश्विक अव्यवस्था

पिछले कुछ महीनों से एक ऐसा समय देखने को मिल रहा है जो इस वक्त की हकीकत है लेकिन यह अवास्तविक सा लगता है। हमारी दुनिया एक लट्टू की तरह धुरी पर घूमती प्रतीत होती है जिस पर लगता है कि किसी का नियंत्रण नहीं है।  मैं यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए […]

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स्वच्छ हवा के लिए सिर्फ EV नहीं, शहरों में वाहन घटाना भी जरूरी

दुनिया के देशों को इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने एवं उनके इस्तेमाल पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा करना तीन प्रमुख कारणों से महत्त्वपूर्ण है। पहला कारण जलवायु परिवर्तन है। परिवहन क्षेत्र भारी मात्रा में पेट्रोल एवं डीजल पी जाता है और दुनिया में सालाना कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 15 फीसदी […]

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वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अमीरों का प्रतिशोध

अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump ने इन दिनों वैश्विक वस्तुओं के व्यापार को जोखिम में डाल दिया है। इस वैश्विक व्यापार व्यवस्था में लाए जा रहे नए बदलावों के परिणाम के बारे में बताना असंभव है, जिसके अपने अंतर्संबंधों में ही बेहद जटिलता है। इसे किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि के एकमात्र […]

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जलवायु परिवर्तनः अब हाशिये का मुद्दा

यह ऊर्जा बदलाव का वक्त नहीं है बल्कि यह ऊर्जा में वृद्धि करने का वक्त है। यह बात अमेरिका के ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने पिछले महीने ह्यूस्टन में हुए सबसे बड़े ऊर्जा सम्मेलनों में से एक सीईआरएवीक में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कही। पूरा कमरा ऊर्जा कंपनियों के दिग्गज प्रमुखों और क्षेत्र के […]

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स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ें सुनियोजित कदम

हमारी दुनिया बदल चुकी है और इस बारे में किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए। जलवायु के जोखिम भरा यह डॉनल्ड ट्रंप का युग है। जलवायु परिवर्तन रोकने के प्रयासों का विरोध पहले से हो रहा है और यह बढ़ता ही जाएगा चाहे दुनिया को बढ़ती गर्मी का कितना ही खराब असर क्यों न झेलना […]

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दूरदर्शी और कद्दावर नेता थे मनमोहन सिंह

हमारा संबंध आम नहीं था बल्कि आप उसे अजीब भी कह सकते हैं। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह बाजार अर्थव्यवस्था की पुरानी लीक से हटकर थे। अनिल अग्रवाल कट्टर पर्यावरणविद् थे। वर्ष 1991 में जब मनमोहन सिंह ने भारत का उदारीकरण किया और कारोबार के लिए दरवाजे खोल दिए तो उनकी […]

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जमीनी हकीकत: भविष्य की ओर बढ़ने से पहले पीछे मुड़कर देखें

वर्ष 2024 को ऐसे साल के रूप में याद किया जाएगा, जिसमें दुनिया कई मायनों में बदल गई। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा, जब दुनिया का कोई न कोई हिस्सा मौसम की अति का शिकार नहीं हुआ। इन विकट परिस्थितियों में गर्मी और ठंड के नए रिकॉर्ड बने और कुछ दिन के भीतर फिर टूट […]

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जमीनी हकीकत: जलवायु परिवर्तन पर ट्रंप के रुख का प्रभाव

डॉनल्ड ट्रंप की दूसरी पारी जलवायु परिवर्तन के लिए क्या मायने रखती है? ट्रंप दुनिया को अब तक सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस देने वाले और हर साल उनके उत्सर्जन में दूसरा सबसे ज्यादा इजाफा करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। सर्वविदित है कि वह जलवायु परिवर्तन को संशय से देखते हैं और […]