लेखक : मिहिर एस शर्मा

आज का अखबार, लेख

एच-1बी वीजा पर ट्रंप का बड़ा फैसला: अमेरिका में भारत के खास दर्जे का बीता दौर!

एच-1बी वीजा पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नया ऐलान क्या भारत को निशाना बनाने के लिए उठाया गया एक और कदम है? आखिरकार, दो-तिहाई से अधिक एच-1बी वीजा भारतीयों को दिए जाते हैं और भारतीय कंपनियां इस वीजा के सबसे बड़े लाभार्थियों में शुमार हैं। शायद हां। एक नजरिये से ट्रंप के सभी कदम वास्तव […]

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विदेश नीति का बदलता रुख: भारत में अमेरिकी विरोध बढ़ा, क्या नेहरूवादी जड़ों की ओर हो रही वापसी?

दो दशक पहले यह विश्वास करना संभव था कि भारत के वैश्विक रुख के निर्धारण में आगे स्वत: स्फूर्त अमेरिका विरोध निर्णायक भूमिका नहीं निभाएगा। परंतु हाल के महीनों और वर्षों में यह स्पष्ट हो गया है कि पश्चिम के प्रति अविवेकी अविश्वास, तर्कसंगत स्तर तक कम होने के बजाय, भारतीय राजनीति में एक प्रमुख […]

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अमेरिकी संस्थानों पर ट्रंप का निरंतर हमला उनकी महत्ता की अग्निपरीक्षा होगी

संस्थान मायने रखते हैं। उन्हीं पर विकास, निवेश और आर्थिक स्थिरता की बुनियाद रखी जाती है। या फिर इसका उलटा सच है? क्या आर्थिक परिवर्तन ही आधुनिक संस्थाओं को जन्म देते हैं? अर्थशास्त्रियों ने लंबे समय से इन दोनों के बीच संबंध को समझने की कोशिश की है। पिछले वर्ष, तीन अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार […]

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ट्रंप के टैरिफ ने भारत की रूस-चीन नीति पर उठाए सवाल, क्या गलत थे हमारे आकलन?

भारत में कई ऐसे लोग हैं जो चाहेंगे कि हम यह भूल जाएं कि गत वर्ष डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने पर वे कितने खुश और उत्साहित थे। शेष विश्व भले ही उनके धैर्य की कमी, उनकी अजीब आर्थिक सोच और अमेरिका के मित्रों के साथ संबंध खराब करने के उनके […]

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ट्रंप का टैरिफ वार: क्या अमेरिका को वाकई टी-शर्ट और जूते बनाने चाहिए?

अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप वास्तव में यही मानते हैं कि उच्च आधार शुल्क उनके देश की कामयाबी के लिए आवश्यक है। हालांकि वे शायद उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाएंगे जिसकी धमकी उन्होंने अप्रैल के आरंभ में अपने चर्चित संवाददाता सम्मेलन में दी थी और एक […]

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अमेरिका की नीतियों की नकल खतरनाक

भले ही आने वाले दशकों में अमेरिका की आर्थिक और सैन्य शक्ति कमजोर हो जाए, लेकिन उसकी सांस्कृतिक मजबूती पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। तमाम महाशक्तियों के साथ अक्सर ऐसा ही होता आया है। समय के साथ उनकी अर्थव्यवस्थाओं के शिथिल पड़ने के बावजूद विचारों और संस्कृति की दुनिया में उनकी धमक लंबे समय […]

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क्या पश्चिम का महान ‘खुलापन’ प्रयोग विफल हो रहा है?

पश्चिमी देशों का खुलेपन का महान प्रयोग क्या समाप्त हो रहा है? पूरे पश्चिमी जगत में, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और यहां तक कि जापान में भी, विदेशी छात्रों, शोधकर्ताओं, कामगारों और शरणार्थियों को अपने यहां स्वीकार करने की अब उतनी तत्परता नहीं दिख रही है जितनी सिर्फ पांच साल पहले थी। आखिर इस रुझान के […]

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त्रासदी और प्रहसन: एयर इंडिया दुर्घटना पर अटकल नहीं, तथ्य ज़रूरी

हमें शायद कुछ समय तक यह पता न चल पाए कि अहमदाबाद में एयर इंडिया 171 के उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही जमीन पर आ गिरने का कारण क्या था। विमान दुर्घटनाओं की जांच सबसे व्यापक जांचों में आती है। इसलिए यह बेहद महत्त्वपूर्ण है कि अटकलें लगाने के बजाय इस जांच प्रक्रिया […]

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नीति नियम: एआई के असर के अनुमानों में भारी विविधता

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस यानी एआई के विकास बाद जो तकनीकी क्रांति घटित होती दिख रही है उसकी किसी ऐतिहासिक तुलना के बारे में विचार कर पाना मुश्किल है। गति और संभावना दोनों ही मामलों में एआई असाधारण प्रतीत होता है। इसकी तुलना 19वीं सदी के सबसे प्रभावशाली विकास, मिसाल के तौर पर भाप के इंजन से […]

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डॉनल्ड ट्रंप के कदम और वैश्वीकरण की हकीकत

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप टैरिफ पर अपने सख्त रुख से क्या पीछे हट गए हैं? दुनिया भर के देशों पर टैरिफ 90 दिन के लिए टाला गया था, जिसमें से अब 50 से भी कम दिन बचे हैं। इस दरम्यान उन्होंने केवल एक व्यापार समझौते की घोषणा की है, जो यूनाइटेड किंगडम के साथ […]