2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूत
अन्य समाचार विस्मृत हो चुके हैं भगवान शिव की आरती ओम जय जगदीश... के रचयिता
'

विस्मृत हो चुके हैं भगवान शिव की आरती ओम जय जगदीश... के रचयिता

PTI

- September,30 2013 6:23 PM IST

जालंधर, 30 सितंबर :भाषा: दुनिया भर में हिंदूओं के घरों और मंदिरों मंे भगवान शिव की सुप्रसिद्ध आरती ओम जय जगदीश हरे..... गाया जाता है। लेकिन शायद बहुत कम लोग को यह पता होगा कि इसके रचयिता पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी हैं। यह आश्चर्यजनक है कि न केवल देश भर के लोग बल्कि जालंधर के लोगों के जेहन से भी वह विस्मृत हो चुके हैं।

ऐतिहासिक और साहित्यिक साक्ष्यों के अनुसार जालंधर जिले के फिल्लौर इलाके में एक ब्राहमण परिवार में आज के ही दिन 1830 में जन्में पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने ठीक 150 साल पहले अर्थात 1863 मंे भगवान शिव की महाआरती की रचना की थी। जिसे आज न केवल देश भर के बल्कि पूरी दूनिया के हिंदू घरों में और मंदिरों में बडी श्रद्धा और विश्वास के साथ गाया जाता है।

अमृतसर स्थित गुरू नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष तथा फिल्लौरी पर शोध कार्य करने वाले प्राध्यापक एवं साहित्यकार डा हरमोहिंदर सिंह बेदी ने भाषा को बताया, पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी न केवल ओम जय जगदीश हरे..... के रचयिता थे बल्कि वह स्वतंत्रता सेनानी, धर्म का उपदेशक देने वाले थे। वह हिंदी और पंजाबी के बडे साहित्यकार भी थे।

फिल्लौरी पर तीन खंड मंे ग्रंथावली लिख चुके बेदी ने कहा, उन्होंने भाग्यवती उपन्यास की रचना की थी। इसके बाद उन्हें हिंदी का पहला उपन्यासकार कहा जाने लगा। इसके अलावा उन्होंने दर्जनों अन्य किताबें लिखी थी जिसमें कुछ पंजाबी भाषा की भी हैं।

संबंधित पोस्ट