facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

नए डीमैट खातों की संख्या में लगातार पांचवें महीने इजाफा, अप्रैल में 30 लाख से ज्यादा खाते खुले

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि डीमैट खातों के जुड़ाव की रफ्तार बाजारों की स्थिरता के लिए उत्साहजनक संकेत है क्योंकि नए निवेशक आंएगें तो निवेश भी लाएंगे।

Last Updated- May 08, 2024 | 11:10 PM IST
Demat Account

शेयर व अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखने के लिए जरूरी डीमैट खातों (Demat Accounts) की संख्या अप्रैल में 31 लाख बढ़ी और कुल डीमैट खातों की संख्या 15.45 करोड़ के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

पिछले साल दिसंबर से नए खातों का जुड़ाव लगातार 30 लाख से ऊपर रहा है। इससे संकेत मिलता है कि उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार नए निवेशकों को लगातार आकर्षित कर रहा है।

डिपॉजिटरी फर्मों-सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) और नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के लिए मार्च तिमाही डीमैट खातों के जुड़ाव आदि के लिहाज से सबसे अच्छी तिमाही रही और इनकी रफ्तार में सुस्ती का कोई संकेत नहीं है।

खातों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी डिपॉजिटरी सीडीएसएल के एमडी व सीईओ नेहल वोरा ने कहा कि वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 1 करोड़ से अधिक डीमैट खाते खुले जो हमारी कंपनी के गठन के बाद से किसी भी तिमाही का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस तरह की उपलब्धि भारतीय पूंजी बाजारों में बढ़ते भरोसे को बताती है।

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि डीमैट खातों के जुड़ाव की रफ्तार बाजारों की स्थिरता के लिए उत्साहजनक संकेत है क्योंकि नए निवेशक आंएगें तो निवेश भी लाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह रुझान बताता है कि ज्यादा से ज्यादा घरेलू बचत इक्विटी बाजार पहुंच रही है। डिजिटलीकरण के कारण खाता खोलने में आसानी और इक्विटी निवेश को लेकर बढ़ती जागरूकता भी डीमैट खातों की बढ़ती संख्या की वजह बताई जाती है।

पिछले दो महीने तक सुस्त रहने के बाद अप्रैल में व्यापक बाजार में बढ़त से नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिली होगी। अप्रैल में निफ्टी मिडकैप 100 में 5.8 फीसदी का इजाफा हुआ जो दिसंबर 2023 के बाद का सबसे अच्छा रिटर्न है।

निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 11.4 फीसदी की उछाल आई जो नवंबर 2023 के बाद की सबसे बड़ी बढ़त है। बाजार में आने वाले नए निवेशक मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों को तरजीह देते हैं, जिसकी वजह उनसे मिलने वाला ज्यादा रिटर्न है।

विश्लेषकों ने कहा कि कीमतों में तेज गिरावट के बाद स्मॉल व मिडकैप के कुछ निश्चित शेयरों में वैल्यू दिखती है।

टॉरस फाइनैंशियल मार्केट के सीईओ प्रकाश गगडानी ने कहा कि पिछले 12 महीने में स्मॉल और मिडकैप शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया है और महामारी के बाद के तेजी वाले बाजार से चूके निवेशकों ने इसमें प्रवेश किया है। इसके अतिरिक्त जब आपके यहां पहले से ही 15 करोड़ से ज्यादा डीमैट खाते हों और पिछली तिमाही अच्छी रही हो तो उसका कुछ असर तो दिखेगा ही।

गगडानी ने कहा कि जिन लोगों ने पहले डीमैट खाते नहीं खुलवाए थे या जिन्होंने म्युचुअल फंडों के जरिये निवेश किया था, वे बाजार के शानदार रिटर्न के कारण अक्सर सीधे निवेश को आकर्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों का एक हिस्सा डेरिवेटिव में भी ट्रेड करने लगा है।

आईपीओ का बाजार भी अप्रैल में मजबूत रहा। भारती हेक्साकॉम का 4,275 करोड़ रुपये का इश्यू अप्रैल में आया, जहां 30 गुना से ज्यादा बोलियां मिलीं। साथ ही वोडाफोन आइडिया के 18,000 करोड़ रुपये के एफपीओ ने भी 10 लाख के करीब खुदरा आवेदन आकर्षित किए।

सूचीबद्धता पर शानदार फायदे को देखते हुए आईपीओ को लेकर निवेशकों का मनोबल और बढ़ा है। कई मौजूदा निवेशक अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर डीमैट खाते खुलवा रहे हैं ताकि आईपीओ आवंटन में उन्हें शेयर मिलने की संभावना बढ़ जाए।

गगडानी ने कहा कि अब नए डीमैट का आंकड़ा 20 से 25 लाख प्रति माह पर टिक जाएगा। मई व जून में उतार-चढ़ाव रह सकता है और तभी आप और नए खाते देखेंगे। जब उतार-चढ़ाव होता है तो अल्पावधि में शेयरों के कीमत में घटबढ़ काफी ज्यादा होती है। उतारचढ़ाव के साथ ज्यादा रिटर्न नए निवेशकों के लिए आकर्षक होता है और फिर डेरिवेटिव में तो और ट्रेड का मौका भी होता है।

कुछ का मानना है कि जून में चुनाव नतीजों के बाद बाजारों पर दबाव दिख सकता है। स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा कि अगर सीटों की संख्या कम होती है तो बाजार में गिरावट आ सकती है।

कयास है कि बाजारों में चुनाव नतीजों के आसपास गिरावट आएगी और कुछ निवेशक इसका अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि उच्चस्तर पर मुनाफावसूली देखी जा रही है।

इसके अतिरिक्त अगर मौजूदा सरकार बरकरार रहती है तो सख्त फैसलों की संभावना हो सकती है, जो अल्पावधि में मुश्किल भरा हो सकता है, ऐसे में बाजार इस पर प्रतिक्रिया जता सकता है।

First Published - May 8, 2024 | 10:34 PM IST

संबंधित पोस्ट