सेक्टोरल आवंटन का असर: इक्विटी फंडों में लार्जकैप की बढ़त, मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों का प्रदर्शन कमजोर

बाजार के अनुकूल हालात, निवेशकों की बढ़ती जागरूकता की मदद से उद्योग ज्यादा निवेश व लोगों को आक​र्षित कर रहा।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- April 21, 2025 | 11:13 PM IST

अधिकतर इक्विटी फंड प्रबंधक वित्त वर्ष 2025 में अपने बेंचमार्क से कुछ अतिरिक्त रिटर्न हासिल करने में कामयाब रहे। कुछ ने जहां वर्ष की पहली छमाही में इक्विटी बाजार की तेजी के दौर में बड़े रिटर्न से यह सफलता हासिल की तो अन्य ने बाजार में मंदी के दौरान अपनी गिरावट को सीमित किया।  बाजार विश्लेषकों के अनुसार उनका प्रदर्शन सेक्टोरल आवंटन पर आधारित रहा है। वित्त में ज्यादा निवेश या आईटी शेयरों में कम निवेश वाले फंडों को हाल के महीनों में फायदा हुआ है। 

इंटरनैशनल मनी मैटर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) राहुल जैन ने कहा, ‘अधिकांश सक्रिय फंड, खासकर लार्जकैप स्कीमें वित्तीय क्षेत्र पर ‘ओवरवेट’ थीं, जबकि आईटी पर ‘अंडरवेट’ बनी हुई थीं। बाजार ने उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन किया है। पिछले छह महीनों में अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों में बेहतर प्रदर्शन भी ऐ​क्टिव फंडों के पक्ष में मददगार साबित हुआ है।’ 

विश्लेषकों का कहना है कि लार्जकैप फंडों को हाल के वर्षों में उनके मिडकैप और स्मॉलकैप आवंटन के शानदार प्रदर्शन से भी लाभ हुआ है। दूसरा कारक है इंडेक्स के शीर्ष कुछ शेयरों में उतार-चढ़ाव। यह ऐ​क्टिव फंडों के प्रदर्शन के लिए महत्त्वपूर्ण है। यदि इंडेक्स अपने कुछ बड़े घटकों से संचालित होता है तो ऐ​क्टिव फंड उसके प्रदर्शन से बराबरी करने के लिए संघर्ष करते हैं।

प्लान अहेड वेल्थ एडवायजर्स के संस्थापक और मुख्य कार्या​धिकारी विशाल धवन ने कहा, ‘प्रदर्शन शेयर के भारांक पर निर्भर करता है, खासकर उन शेयर पर, जिनकी बेंचमार्क में बड़ी उपस्थिति होती है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटन भी तुलनात्मक रिटर्न में खास योगदान देता है।’

नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट के अध्यक्ष राहुल जैन के अनुसार इसमें अन्य कारक भी शामिल हैं।  उन्होंने कहा, ‘वर्ष की पहली छमाही में हाई बीटा वाले शेयर और केंद्रित पोर्टफोलियो बेंचमार्क से आगे निकल गए, जिससे बाद में आए उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए पर्याप्त अल्फा तैयार हुआ। कई फंडों ने अपने पोर्टफोलियो में नकदी भी रखी क्योंकि उन्हें बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका थी।’

जहां लार्जकैप योजनाओं ने दीर्घावधि रुझान को तोड़ दिया और उनमें से 55 प्रतिशत ने पिछले वर्ष बेहतर प्रदर्शन किया, वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप योजनाओं के मामले में स्थिति इसके विपरीत थी। वित्त वर्ष 2025 में केवल 56 प्रतिशत मिडकैप योजनाएं निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआई को मात देने में सफल रहीं जबकि 10 वर्ष की अवधि में यह आंकड़ा 69 प्रतिशत था।

मिडकैप फंडों के मामले में 66 फीसदी योजनाओं ने पिछले साल बेहतर प्रदर्शन किया। 10 वर्ष की अवधि में सभी 20 योजनाओं ने बेंचमार्क को पीछे छोड़ा। हाल के वर्षों में स्मॉलकैप और मिडकैप क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन वाली योजनाओं में वृद्धि उनकी लार्जकैप हो​ल्डिंग के खराब प्रदर्शन और सूचकांकों के चुनिंदा शेयरों में भारी तेजी की वजह से भी दर्ज की गई।

विश्लेषकों के अनुसार सीमित शेयरों की संख्या होने और जरूरी जानकारी में अंतर के कारण फंड प्रबंधकों के लिए लार्जकैप क्षेत्र चुनौतीपूर्ण सेगमेंट है। मिडकैप और स्मॉलकैप क्षेत्रों में व्यापक निवेश ने इसे फंड प्रबंधकों के लिए तुलनात्मक तौर पर आसान सेगमेंट बना दिया है।

निवेश सलाहकारों का कहना है कि तीन और पांच वर्ष की समयावधि में विभिन्न श्रेणियों में सक्रिय इक्विटी योजनाओं का खराब प्रदर्शन निवेशकों के लिए ऐ​क्टिव और पैसिव, दोनों प्रकार के फंडों में निवेश करने का आधार तैयार करता है।

धवन का कहना है, ‘निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में ऐ​क्टिव और पैसिव फंडों दोनों को शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए। डेटा के अनुसार यह पहले से जानना बहुत चुनौतीपूर्ण है कि आपका चयनित ऐ​क्टिव फंड वास्तव में इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन करेगा या नहीं।’

First Published : April 21, 2025 | 10:42 PM IST