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सीमेंट कंपनियों को चुनौतीपूर्ण राह का अंदेशा

अल्ट्राटेक (Ultratech) की प्रतिस्पर्धी अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) ने भी कीमत परिदृश्य पर इसी तरह का अनुमान जताया है।

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अमृता पिल्लई   
Last Updated- May 08, 2024 | 11:29 PM IST

चालू वित्त वर्ष में सीमेंट क्षेत्र (Cement Sector) स्थिर कीमतों और कम लागत के परिदृश्य से गुजर सकता है। यह बात बड़ी सीमेंट कंपनियों के आला अधिकारियों ने कही। कुछ का मानना है कि इस दौरान मांग में नरमी रह सकती है।

अल्ट्राटेक सीमेंट के मुख्य वित्तीय अधिकारी अतुल डागा ने पिछले सप्ताह नतीजों की घोषणा के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा, ‘भविष्य में, मांग के लिहाज से वित्त वर्ष 2025 में कुछ नरमी दर्ज की जा सकती है। हालांकि हमारा मानना है कि यह नरमी पिछले वर्षों की तुलना में कम समय के लिए रह सकती है क्योंकि निजी क्षेत्र में आवासीय मांग बढ़ी है।’

वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत में सीमेंट की मांग सालाना आधार पर 8-9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। कीमतों की बात करें तो डागा का मानना है कि मूल्य निर्धारण परिवेश स्थिर रहेगा या इसमें सुधार आएगा, लेकिन इसमें कमी नहीं आएगी। विश्लेषकों ने शुरू में मार्च-2024 में समाप्त तिमाही को असामान्य करार दिया था जिसमें सीमेंट की कीमतें चौथी तिमाही में वैसी नहीं बढ़ीं जौसी आमतौर पर बढ़ती रही हैं।

अल्ट्राटेक (Ultratech) की प्रतिस्पर्धी अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) ने भी कीमत परिदृश्य पर इसी तरह का अनुमान जताया है।

अदाणी सीमेंट (Adani Cements) के मुख्य कार्याधिकारी अजय कपूर ने विश्लेषकों को बताया कि कीमतें स्थिर रह सकती हैं। कपूर को कीमत कटौती की नहीं, बल्कि आगे बढ़ोतरी की उम्मीद है। अंबुजा सीमेंट्स अदाणी समूह की कंपनी है।

डालमिया भारत जैसी अन्य कंपनियों ने मूल्य निर्धारण अनुमान को लेकर सतर्क रुख अपनाया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी पुनीत डालमिया ने कहा, ‘आम तौर पर जून में समाप्त तिमाही में सभी बाजारों में कीमत वृद्धि देखी जाती है। लेकिन इस बार अब तक हमें ऐसा देखने को नहीं मिला है।’

डालमिया का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट की मांग 8.5 प्रतिशत से बढ़कर 9 प्रतिशत हो जाएगी।

पूंजीगत खर्च को लेकर जहां अल्ट्राटेक सीमेंट और अंबुजा सीमेंट्स ने अपनी मध्यावधि क्षमता विस्तार योजनाओं को पुन: दोहराया है वहीं डालमिया सीमेंट का कहना है कि वह अभी भी प्रबंधन और बोर्ड के साथ इस पर विचार कर रही है और 7.5 करोड़ टन क्षमता तक पहुंचने की विस्तार योजना पेश करने से पहले से कुछ और तिमाहियों का वक्त लगेगा।

तीन सीमेंट निर्माता कंपनियां चालू वित्त वर्ष में ईंधन लागत से जुड़े कुछ लाभ भी हासिल होने की उम्मीद कर रही है। डालमिया के अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती नीलामी में हासिल की गईं कुछ कोयला खदानों ने इस साल उत्पादन शुरू कर दिया है जिससे लागत में कमी आएगी।

अल्ट्राटेक सीमेंट के अधिकारियों का भी कहना है कि तिमाही के लिए हमारी ईंधन खपत लागत 2.03 रुपये प्रति किलो कैलोरी रही। इस साल लागत में गिरावट बनी रहेगी।

First Published : May 8, 2024 | 10:49 PM IST