सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता के रूप में एक्सेंचर (Accenture) ग्राहकों को लागत दबाव की चुनौतियों से निपटने और राजस्व के नए स्रोत तलाशने में मदद करने में सबसे आगे है। एक्सेंचर के लिए भारत प्रतिभा का प्रमुख केंद्र है। इसकी 7,42,318 लोगों की कुल कर्मचारी संख्या में से यहां तकरीबन 3,00,000 लोग हैं।
एक्सेंचर के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और लीड (इंडिया बिजनेस) संदीप दत्ता ने आयुष्मान बरुआ के साथ ई-मेल पर हुए संवाद में ग्राहकों के सामने आने वाली चुनौतियों और इस संबंध में चर्चा की कि जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनएआई) जैसी प्रौद्योगिकियां उन्हें इस पथ पर आगे रहने में किस तरह मदद कर सकती हैं। प्रमुख अंश …
आज भारत में विभिन्न उद्योगों में कंपनियों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
दुनिया भर की कंपनियां अभूतपूर्व स्तर के परिवर्तन का सामना कर रही हैं। एक्सेंचर सर्वेक्षण के अनुसार कारोबारों को प्रभावित करने वाले परिवर्तन की दर पिछले चार साल में 183 प्रतिशत और अकेले पिछले ही साल में 33 प्रतिशत बढ़ चुकी है। यह व्यवधान भू-राजनीतिक अशांति या व्यापक मुद्रास्फीति जैसे मसलों तक ही सीमित नहीं है।
जेनएआई में प्रगति की वजह से इस व्यवधान का प्रमुख कारण प्रौद्योगिकी थी। भारत में विभिन्न उद्योगों की कंपनियों के सामने आने वाली कुछ प्रमुख चुनौतियों में लागत दबाव, एआई, जेनएआई और ऑटोमेशन जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ना और विकास के नए रास्ते तथा प्रतिभा की तलाश शामिल है।
आईटी बजट पर दबाव की वजह से क्या कंपनियां जेनएआई जैसी नई प्रौद्योगिकियों में निवेश करने को इच्छुक हैं?
चूंकि कारोबार मौजूदा व्यापक आर्थिक माहौल में आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए वे अपनी कारोबारी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी पर विचार कर रहे हैं। तमाम बाधाओं के बावजूद सभी उद्योगों की कंपनियों को लगता है कि प्रौद्योगिकी पुन: आविष्कार और विकास की कुंजी है। हम कई कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं ताकि उन्हें अपने कारोबार को फिर से विकसित करने और जेनएआई जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल करके प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करने में मदद मिल सके।
हमारे शोध में पाया गया है कि जिन कंपनियों ने नई प्रौद्योगिकियों, कौशल और काम करने के तरीकों में निवेश किया था, उन्होंने 2019 और 2022 के बीच 5.6 प्रतिशत अंक के अपने औसत लाभ मार्जिन के साथ बाकी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया।
क्या ये निवेश प्रुफ-ऑफ कॉन्सेप्ट्स (पीओसी) की दिशा में हैं या वे वास्तविक कार्यान्वयन की दिशा में किए गए हैं?
जब जेनएआई जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की बात आती है, तो फिलहाल भारत में कंपनियों के दो समूह हैं। पहले समूह में ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जो अभी भी पीओसी वाले चरण में हैं और इसमें शामिल होने से पहले विकल्प तलाश रही हैं। दूसरे समूह में वे कंपनियां शामिल हैं, जिनके पास मजबूत डिजिटल केंद्र और डेटा आधार है तथा नया प्रदर्शन हासिल करने के लिए जेनरेटर एआई जैसी नई प्रौद्योगिकियों का बड़े स्तर की दिशा में काम कर रहे हैं।
जब जेनएआई अपनाने की बात आती है, तो कौन-से उद्योग सबसे अधिक रुचि दिखा रहे हैं?
आज जेनएआई ने विभिन्न उद्योगों की कंपनियों में रुचि पैदा की है। बैंकिंग, उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं, खुदरा, दूरसंचार, मीडिया और वाहन जैसे उपभोक्ताओं से जुड़े उद्योगों में इस समय रुचि का अधिक स्तर देखा जा रहा है।