पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के मद में बकाया रकम पर फिर भिड़ंत हुई है। सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद, विधायक और मंत्रियों ने राजघाट पर धरना दिया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जान बूझकर रकम जारी नहीं कर रही है। इसके जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 लाख फर्जी मनरेगा रोजगार कार्ड जारी किए हैं। सिंह ने कहा कि इन फर्जी कार्ड की आड़ में करोड़ों रुपये की सरकारी रकम की हेराफेरी हुई।
सिंह ने कहा कि भारत सरकार पश्चिम बंगाल में मनरेगा और ग्रामीण आवासीय योजना में धांधली का लगातार पर्दाफाश कर रही है मगर राज्य सरकार कोई उपयुक्त कदम नहीं उठा पाई है। सिंह इसी विषय पर बिहार में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
यह विषय पश्चिम बंगाल की विधानसभा में भी उठा। नई दिल्ली में राजघाट पर तृणमूल के प्रदर्शन के जवाब में विपक्षी भाजपा के विधायकों ने विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
राजघाट पर टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ धरना दिया। लोकसभा सदस्य बनर्जी ने महात्मा गांधी की जयंती पर यहां उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 15,000 करोड़ रुपये बकाया हैं।
टीएमसी प्रवक्ता और पार्टी की प्रदेश समिति के सदस्य विश्वजित देव ने केंद्र पर मनरेगा को नष्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि यह महात्मा गांधी का अपमान है, जिनके नाम पर इस योजना का नाम रखा गया। उन्होंने कहा, ‘क्या यह लोकतंत्र है? केंद्र राजनीतिक फायदे के लिए योजनाओं का इस्तेमाल कर रहा है। यह गरीबों और महात्मा गांधी का अपमान है।’
कूचबिहार की टीएमसी नेता चैती बर्मन बरुआ ने कहा कि वे दिल्ली आए हैं ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके। उन्होंने कहा, ‘लोग कष्ट झेल रहे हैं मगर केंद्र सरकार चुप्पी साधे है।’
मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का नई दिल्ली में कार्यक्रम में शामिल होने का कार्यक्रम था, लेकिन वह नहीं आ सकीं। स्पेन और दुबई की उनकी हाल में संपन्न यात्रा के दौरान उनके बाएं घुटने में चोट लगने से चिकित्सकों ने उन्हें 10 दिन आराम करने सलाह दी है।
भाजपा ने बताया नाटक
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल के लिए कुछ योजनाओं के तहत केंद्रीय कोष जारी करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन को सोमवार को ‘सर्कस’ और ‘नाटक’ करार दिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि धन की मनरेगा में कथित धांधली पर कई बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधने और केंद्र का बचाव करने के लिए बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार और सांसद लॉकेट चटर्जी सहित अपने राज्य के नेताओं को भी मैदान में उतारा।
इन नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोला। मजूमदार ने अभिषेक बनर्जी के इस आरोप का जिक्र किया कि भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में उनकी पार्टी के विरोध प्रदर्शनों को बाधित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी इतने खाली नहीं हैं कि वह तृणमूल कांग्रेस के उत्तराधिकारी जैसे ‘तुच्छ नेता’ को निशाना बनाएं। मजूमदार ने कहा, चूंकि, ‘अभिषेक बनर्जी हिंसा और धमकी की राजनीतिक संस्कृति में पले-बढ़े हैं, इसलिए उन्हें लगता है कि पूरे देश में भी यही होता है।‘
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत भुगतान रोक दिया है क्योंकि पहले जो धन भेजा गया था उन्हें उन कार्यों में लगाया गया, जो इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप नहीं थे। संवाददाता सम्मेलन में गिरिराज सिंह ने कहा, ‘संप्रग सरकार के दौरान पश्चिम बंगाल को केवल 58 हजार करोड़ रुपये मिले, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विकास के लिए पश्चिम बंगाल को पिछले नौ सालों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है। यह देश के प्रधानमंत्री की पश्चिम बंगाल के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’
सिंह ने कहा कि मनरेगा जैसी योजना में पश्चिम बंगाल को पिछले 9 सालों में 54,000 करोड़ रुपये से अधिक दिए गए, जबकि संप्रग के समय यह आंकड़ा सिर्फ 14,900 करोड़ रुपये ही था।