देश की टॉरंट फार्मास्युटिकल्स सिप्ला के लिए बोली लगाने के वास्ते 1.5 अरब डॉलर तक जुटाने के लिए निजी इक्विटी फंड सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स और बेन कैपिटल के साथ बातचीत कर रही है। मामले की सीधी जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
टॉरंट और ब्लैकस्टोन बिक्री के लिहाज से देश की तीसरी सबसे बड़ी दवा निर्माता सिप्ला में हिस्सेदारी हासिल करने की इच्छुक कंपनियों में शामिल हैं। यह देश में अब तक का सबसे बड़ा फार्मा सौदा साबित हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि सिप्ला का संस्थापक परिवार अपनी पूरी 33.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहता है और किसी भी बोली से भारतीय नियमों के अनुसार अन्य 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश भी शुरू हो जाएगी। बर्नस्टीन ने 30 अगस्त की रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि यह 6.75 से 7 अरब डॉलर का सौदा है।
एक सूत्र ने कहा कि टॉरंट अगले कुछ दिनों में अपने कंसोर्टियम फाइनैंसिंग साझेदार को अंतिम रूप देने का फैसला कर सकती है। बेन और ब्लैकस्टोन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि सिप्ला, टॉरंट और सीवीसी ने टिप्पणियों का जवाब नहीं दिया।
सिप्ला उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका को दवाओं का भी निर्यात करती है तथा वह सर्दी, बुखार और सिरदर्द जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जेनेरिक दवाएं बेचती है। वह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में वैश्विक दिग्गज फाइजर और ऐबट जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। देश का फार्मास्युटिकल बाजार वर्ष 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो फिलहाल 50 अरब डॉलर का है।
टॉरंट, जिसका बाजार पूंजीकरण सिप्ला के 11.9 अरब डॉलर की तुलना में 54 प्रतिशत कम है, 40 से अधिक देशों में मौजूद है और इसकी वेबसाइट के अनुसार यह मधुमेह, दर्द निवारण, स्त्री रोग, कैंसर और संक्रमण-रोधी श्रेणी से संबंधित दवाएं बेचती है।
सूत्रों का कहना है कि टॉरंट और ब्लैकस्टोन दोनों ने ही सिप्ला के लिए गैर-बाध्यकारी बोलियां जमा की हैं। सूत्रों ने कहा कि मॉर्गन स्टेनली और बार्कलेज सहित विदेशी बैंक भी इस सौदे के लिए संभावित रूप से ऋण के लिए वित्तीय सहायता की व्यवस्था करने को टॉरंट के साथ बातचीत कर रहे हैं।
बार्कलेज ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि मॉर्गन स्टैनली ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। एक सूत्र ने कहा कि सिप्ला शुद्ध रूप से किसी वित्तीय निवेशक के बजाय टॉरंट की तरह किसी रणनीतिक साझेदार को अपने साथ जोड़ने की अधिक उत्सुक हो सकती है, हालांकि अंतिम फैसले में वक्त लग सकता है। अगस्त में बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में संभावित अविश्वास जांच और संयुक्त बाजार हिस्सेदारी अधिक होने पर ब्रांडों को बेचने की आवश्यकता उजागर किया गया था।