होल्डिंग फर्म टाटा संस (Tata Sons) समेत टाटा समूह (Tata Group) की कंपनियों ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में अपने परिचालन को मजबूत बनाने के लिए वैश्विक ऋण बाजार से 66 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि टाटा संस ने अपने वैश्विक ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए 16.7 करोड़ डॉलर, जबकि टाटा एसआईए एयरलाइंस ने विमान खरीदने के लिए 27.9 करोड़ डॉलर जुटाए। टाटा कैपिटल फाइनैंशियल सर्विसेज ने उधारी सेवाओं के लिए अतिरिक्त 21.5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई है।
समूह की कंपनियां वैश्विक बाजारों से धन जुटाने पर जोर दे रही हैं। हालांकि धन की लागत अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार 11 बाजार दरें बढ़ाने के बाद ऊंची बनी हुई है। अमेरिकी फेड ने 2023 में चार बार ब्याज दरें बढ़ाई हैं।
बैंकरों का कहना है कि समय पर कर्ज चुकाने में समूह के मजबूत रिकॉर्ड की वजह से उसे विदेश से प्रतिस्पर्धी दरों पर पैसा जुटाने में मदद मिली है।
एयर इंडिया के साथ प्रस्तावित विलय से पहले टाटा एसआईए एयरलाइंस ने अपने विमानों की संख्या मौजूदा 63 से बढ़ाकर 70 करने की योजना बनाई है। कंपनी इस पूंजी का इस्तेमाल विमान पट्टे और अन्य कॉरपोरेट खर्चों को पूरा करने में करेगी।
समूह की वित्तीय सेवा फर्म टाटा कैपिटल की कुल ऋण बुक समेकित आधार पर 29 प्रतिशत तक बढ़कर 31 मार्च 2023 को 119,573 करोड़ रुपये हो गई, जो 31 मार्च 2022 को 92,889 करोड़ रुपये थी। इसे होम लोन तथा पर्सनल लोन/बिजनेस लोन में आई तेजी से मदद मिली।
रिटेल ऋणों की भागीदारी बढ़कर 31 मार्च 2023 को कुल पोर्टफोलियो की 54 प्रतिशत हो गई, जो 31 मार्च 2022 को 32 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में ऋण बुक तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत तक बढ़ी थी।
मौजूदा त्योहारी सीजन में कंपनी को अपनी रिटेल ऋण बुक और कोष उगाही बढ़ने का अनुमान है। समूह की कंपनियों द्वारा कोष उगाही उनके उत्पादों की बढ़ रही मांग तथा क्षमता विस्तार की तैयारियों को ध्यान में रखकर की जा रही है।