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तय सीमा से ज्यादा खर्च किया कुछ ने

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सुब्रत पांडा
Last Updated- December 25, 2022 | 8:44 AM IST

वित्त वर्ष 2022 के दौरान जीवन बीमा और गैर जीवन बीमा दोनों क्षेत्रों की कुछ बीमा कंपनियों ने बीमा नियामक के 2016 के दिशानिर्देशों में तय प्रबंधन की सीमा से अधिक व्यय किया है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) की ओर से 2021-22 के लिए जारी सालाना रिपोर्ट में यह सामने आया है।

जहां तक जीवन बीमा करने वाली कंपनियों का प्रश्न है, 24 कंपनियों में से 16 ने आईआरडीएआई (जीवन बीमा कारोबार करने वाले बीमाकर्ताओं के प्रबंधन के व्यय) नियम 2016 का पालन किया है। वहीं 8 जीवन बीमा कंपनियों ने कुल मिलाकर या सेग्मेंट के आधार पर देखने पर व्यय की सीमा पार की है। सीमा पार करने वाली कंपनियां जांच के अधीन हैं और उन्हें फॉरबियरेंस दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। जीवन बीमा कारोबार करने वाले बीमाकर्ताओं के प्रबंधन का खर्च बीमा पॉलिसियों के प्रकार, प्रीमियम के भुगतान की अवधि और बीमा कारोबार की अवधि को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है।

कुल मिलाकर जीवन बीमा उद्योग का प्रबंधन पर कुल व्यय वित्त वर्ष 2022 में 1.07 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कुल सकल प्रीमियम का 15.50 प्रतिशत था।

कमीशन व्यय अनुपात ( प्रीमियम के प्रतिशत के रूप में कमीशन पर व्यय) वित्त वर्ष 2022 में मामूली घटकर 5.18 प्रतिशत हुआ है, जबकि कुल कमीशन इस दौरान 8.77 प्रतिशत बढ़ा है।

सामान्य बीमा और स्वास्थ्य बीमा की स्थिति देखें तो वित्त वर्ष 2022 में 8 सामान्य बीमा कंपनियों को आईआरडीएआई (सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कारोबार करने वाली बीमा कंपनियों का प्रबंधन पर व्यय) नियम, 2016 के मुताबिक फॉरबियरेंस की अनुमति दी गई है, जो कुछ शर्तों के अधीन है। बहरहाल 18 बीमा कंपनियों ने व्यय के नियमों का अनुपालन किया है।

वहीं निजी क्षेत्र की 5 बीमा कंपनियों को छूट की अवधि में रखा गया है क्योंकि अभी इन्होंने परिचालन के 5 साल पूरे नहीं किए हैं।

First Published : December 25, 2022 | 8:41 AM IST