Persistent Systems Q4 Results: पुणे की परसिस्टेंट सिस्टम्स का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 24 की मार्च तिमाही में 315.3 करोड़ रुपये रहा और सालाना आधार पर इसमें 25.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
तिमाही में कंपनी का राजस्व 14.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,590.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। राजस्व वृद्धि को विभिन्न क्षेत्रों मसलन लाइफ साइंस व हेल्थकेयर, बीएफएसआई और सॉफ्टवेयर, हाईटेक व इमर्जिंग इंडस्ट्रीज में वृद्धि से सहारा मिला।
पूरे साल के लिए कंपनी का राजस्व 17.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8,350.5 करोड़ रुपये रहा जबकि मुनाफा 18.7 फीसदी के इजाफे के साथ 921 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
परसिस्टेंट की चौथी तिमाही के नतीजे ने ब्लूमबर्ग के अनुमान को पीछे छोड़ दिया। ब्लूमबर्ग ने 2,562.9 करोड़ रुपये का राजस्व और 303 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान जताया था।
चौथी तिमाही में कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू 44.77 करोड़ रुपये रही, जो पिछली तिमाही के 47.5 करोड़ डॉलर से थोड़ा कम है।
परसिस्टेंट ने उत्तर अमेरिका व बीएफएसआई क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की। उत्तर अमेरिका में सालाना आधार पर 16.8 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि यूरोप में 13.4 फीसदी और भारत में 0.6 फीसदी। इसी तरह क्रमिक आधार पर बीएफएसआई में 2 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि लाइफ साइंसेज व हेल्थकेयर में तिमाही आधार पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। सॉफ्टवेयर, हाइटेक और इमर्जिंग बिजनेस 0.9 फीसदी कमजोर रहा।
परसिस्टेंट सिस्टम्स के सीईओ व कार्यकारी निदेशक संदीप कालरा ने कहा, हमने पूरे साल में डॉलर के लिहाज से राजस्व में 14.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जबकि उद्योग का औसत करीब 3-4 फीसदी है। वित्त वर्ष 24 कंपनी के लिए पूरी तरह से खुद के दम पर वृद्धि दर्ज करने की गाथा है। कालरा ने विश्लेषकों से बातचीत के दौरान ये बातें कही।
अनुमान से बेहतर नतीजे के बाद भी वह बाजार को खुश नहीं कर पाई क्योंकि कंपनी के मार्जिन में सुस्त वृद्धि हुई। कंपनी का शेयर 9.7 फीसदी टूटकर 3,510.6 रुपये पर बंद हुआ। तिमाही में मार्जिन 14.5 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 15.4 फीसदी रहा था।
कंपनी प्रबंधन ने कहा कि वित्त वर्ष 25 में वृद्धि वित्त वर्ष 24 की तरह ही होगी। कालरा ने कहा कि राजस्व वृद्धि के लिहाज से यह हमारे लिए लगातार 16वीं तिमाही है। वित्त वर्ष 25 में हमारा ध्यान वृद्धि पर होगा।