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Adani Group के कारोबार में सेंध लगाएगी जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर

JSW इन्फ्रा के मौजूदा कार्गो कारोबार में 40 प्रतिशत थर्ड-पार्टी कार्गो शामिल है और उसने जल्द ही इसे बढ़ाने की योजना बनाई है।

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ध्रुवाक्ष साहा   
श्रेया जय   
Last Updated- May 06, 2024 | 10:12 PM IST

जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर (JSW Infrastructure) वाणिज्यिक मालवाहन क्षेत्र पर बड़ा दांव लगाने की तैयारी कर रही है। इस समय इस क्षेत्र पर अदाणी समूह (Adani Group) का दबदबा है। करीब 17 साल से जेएसडब्ल्यू का बंदरगाह व्यवसाय समूह के विभिन्न विनिर्माण व्यवसायों की कार्गो जरूरतों की मदद करता रहा है।

कंपनी, 2019 में एक नए उद्देश्य के साथ और 2023 में सूचीबद्ध होने के बाद अब केंद्र की मुद्रीकरण योजना में सक्रिय होगी क्योंकि इसमें कम पूंजी व्यय (Capex) की आवश्यकता होती है और पूंजी पर ज्यादा प्रतिफल मिलने की संभावना होती है।

कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अरुण माहेश्वरी ने एक वीडियो साक्षात्कार में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमारी कंटेनर सेगमेंट में सीमित पहुंच है। लेकिन अब कंपनी 77,000 करोड़ रुपये के वधावन पोर्ट, 44,000 करोड़ रुपये के निकोबार पोर्ट और 7,000 करोड़ रुपये मूल्य के तूतीकोरिन कंटेनर टर्मिनल जैसी बड़ी परियोजनाएं हासिल करना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘ये भारत सरकार की महत्वपूर्ण और ज्यादा पूंजी खर्च वाली परियोजनाएं हैं। कोई भी कंपनी स्वयं इस तरह की परियोजनाएं चलाने में सक्षम नहीं होगी। ये कंटेनर पोर्ट हैं, जिनके बारे में हमें बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है। कंटेनर की बोली प्रक्रिया पिछले कुछ समय से महंगी रही है, लेकिन इन तीन बंदरगाहों के लिए हम सभी अवसर तलाशने को इच्छुक होंगे। ’

कंपनी वर्ष 2019 में जेएसडब्ल्यू ग्रुप के 94 प्रतिशत निजी कार्गो की जरूरत पूरी कर रही थी और उसने अब अपना ग्राहक और सेवा आधार तेजी से बढ़ाया है। पिछले सप्ताह घोषित वित्त वर्ष 2024 के नतीजों से संकेत मिलता है कि जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा के मौजूदा कार्गो कारोबार में 40 प्रतिशत थर्ड-पार्टी कार्गो शामिल है और उसने जल्द ही इसे बढ़ाने की योजना बनाई है।

कंपनी भारत के पश्चिम और पूर्वी तटों पर स्थित 10 रणनीतिक बंदरगाहों का परिचालन करती है। जनवरी-मार्च तिमाही में उसका शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 9.8 प्रतिशत बढ़कर 330 करोड़ रुपये और मुख्य राजस्व 19.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,096 करोड़ रुपये हो गया।

कंपनी की अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी में फुजैरा, संयुक्त अरब अमीरात में 465,000 घन मीटर का लिक्विड टैंक स्टोरेज टर्मिनल शामिल है।

माहेश्वरी ने कहा, हम इस समय भारत में सबसे बड़े कंसेशन होल्डरों में से एक हैं और इस सेगमेंट को लगातार मजबूत मान रहे हैं। ये बड़े चालू बंदरगाहों में हैं, जिनमें पूंजीगत खर्च कम है, जोखिम लगभग मामूली है और आपको मौजूदा ग्राहक मिल जाते हैं।

First Published : May 6, 2024 | 9:52 PM IST