भारत की चौथी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता विप्रो ने कहा है कि उसे वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की राजस्व वृद्धि कमजोर रहने का अनुमान है। कंपनी ने कॉन्स्टेंट करेंसी (सीसी) संदर्भ में 3 से 1 प्रतिशत के दायरे में कमजोर राजस्व वृद्धि का अनुमान जताया है।
विप्रो ने पूरे वित्त वर्ष के लिए राजस्व वृद्धि अनुमान मुहैया नहीं कराया है। कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 0.41 प्रतिशत घटकर 3,074.5 करोड़ रुपये रहा, और तिमाही आधार पर पीएटी 0.7 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ सपाट रहा।
चौथी तिमाही के लिए राजस्व 23,190 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 11.1 प्रतिशत की वृद्धि है, लेकिन तिमाही आधार पर 0.16 प्रतिशत की गिरावट है। विप्रो राजस्व वृद्धि और शुद्ध लाभ, दोनों के संदर्भ में ब्लूमबर्ग के अनुमानों पर खरी नहीं उतरी है। ब्लूमबर्ग ने कंपनी का राजस्व 23,460 करोड़ रुपये और पीएटी 3,129 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था।
लेकिन विप्रो कमजोर प्रदर्शन दर्ज करने वाली एकमात्र आईटी कंपनी नहीं है। कई बड़ी आईटी कंपनियां कई मोर्चों पर ब्लूमबर्ग के अनुमानों पर खरी नहीं उतर पाई हैं। हालांकि एचसीएल टेक इससे अलग रही है और उसने लगातार दमदार प्रदर्शन दर्ज किया है, लेकिन वह भी मुनाफे के अनुमान पर कुछ हद तक पीछे बनी रही।
विप्रो के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक थिएरी डेलापोर्टे ने बेंगलूरु में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘हमारा मानना है कि वृहद स्तर पर परिवेश चुनौतीपूर्ण बना रहेगा। हमारे ग्राहक, हमारे उद्योग, और कई क्षेत्र आर्थिक परिवेश से जुड़ी लंबी अनिश्चितता से प्रभावित हुए हैं। इसका हमारी व्यावसायिक परियोजनाओं पर भी प्रभाव पड़ा।’कई प्रमुख आईटी कंपनियों के प्रबंधन का यही नजरिया है। उनका कहना है कि प्रौद्योगिकी खर्च की रफ्तार सुस्त बनी हुई है, लेकिन तकनीकी क्षेत्र ग्राहकों की रूपरेखा में महत्वपूर्ण बना रहेगा।
कोफोर्ज का लाभ बढ़ा
कोफोर्ज का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 12.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 232.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईटी समाधान कंपनी ने कहा कि काफी अनिश्चित आर्थिक माहौल के बीच स्थायी मुद्रा के लिहाज से उसका राजस्व 1 अरब डॉलर के पार निकल गया। रुपये के लिहाज से कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 24.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,170 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 2,055.8 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने तिमाही के लिए ब्लूमबर्ग के राजस्व अनुमान को पीछे छोड़ दिया। कंपनी का एबिटा मार्जिन इस अवधि में 80 आधार अंक घटकर 19.6 फीसदी रहा।
वित्त वर्ष 23 में नोएडा की कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले के मुकाबले 4.62 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 693.8 करोड़ रुपये रहा। राजस्व 24.6 फीसदी बढ़कर 8,014.6 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने वित्त वर्ष 24 के लिए राजस्व वृद्धि अनुमान सामने रखा है और कहा है कि स्थायी मुद्रा के लिहाज से राजस्व में 13 से 16 फीसदी का इजाफा होगा। साथ ही कंपनी को सकल मार्जिन में 50 आधार अंक की बढ़त और समायोजित एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 23 के स्तर पर रहने की उम्मीद है। कंपनी के निदेशक मंडल ने 19 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश की सिफारिश की है और इसकी रिकॉर्ड तारीख 9 मई, 2023 होगी।
टेक महिंद्रा का मुनाफा घटा
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टेक महिंद्रा का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022-23 मार्च तिमाही में 27 फीसदी घटकर 1,179.8 करोड़ रुपये पर रह गया। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 1,637.9 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। टेक महिंद्रा का समाप्त पूरे वित्त वर्ष 2022-23 का शुद्ध लाभ 5,794.9 करोड़ रुपये से घटकर 5,137.6 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, आलोच्य वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की कुल आय 12,436.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 14,023.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।