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आईटीसी दावे के लिए इनवॉइस पर्याप्त नहीं

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इंदिवजल धस्माना
Last Updated- March 15, 2023 | 10:10 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के इनवॉयस और चेक भुगतान पेश कर वैट के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के फैसले को निरस्त कर दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कर प्राधिकारियों की अपील को अनुमति दी। न्यायालय ने कहा कि आईटीसी के तहत दावा करने वाले डीलर को संदेह से परे वास्तविक लेन-देन और माल की वास्तविक भौतिक आवाजाही को सिद्ध करना है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय का फैसला ‘त्रुटिपूर्ण’ है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आईटीसी का दावा करने के लिए लेन-देन की प्रामाणिकता और सामान की वास्तविक भौतिक आवाजाही अनिवार्य है। इस अनिवार्यता को बेचने वाले डीलर के नाम व पते, सामान को लेकर जाने वाले वाहन, माल भाड़े के भुगतान, सामान को स्वीकार करने, टैक्स इनवॉयस और भुगतान के विवरण आदि से सिद्ध किया जा सकता है।’’ न्यायालय ने आगे जोड़ा कि टैक्स इनवॉयस और चैक भी एक दस्तावेज हो सकता है लेकिन लेन-देन की प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं है। जीएसटी के दौर में ई-वे बिल और ई-इनवॉयसिंग से आईटीसी का दावा करना आसान हो सकता है।

First Published : March 15, 2023 | 10:10 AM IST